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एनसीटीई (नेशनल काउंसिल आफ टीचर्स एजुकेशन) ने टीईटी को अब स्कूलों में पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों के लिए जरूरी बताते हुए इसे नर्सरी से 12वीं तक शिक्षकों के लिए अनिवार्य बनाने की सिफारिश की है। मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने इस मामले में दिलचस्पी दिखाई है। एनसीटीई की इस पहल को शिक्षा में सुधार को लेकर जुटी सरकार के एक बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है। एनसीटीई का मानना है कि टीईटी की अनिवार्यता से शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार होगा, साथ ही स्कूलों में योग्य शिक्षकों को पढ़ाने का मौका मिलेगा।
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अपनी सिफारिश में एनसीटीई (NCTE : National Council For Teacher Education) ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Human Resource Development Ministry) से टीईटी पास अनिवार्यता की व्यवस्था को जल्द से जल्द लागू करने का निर्देश दिया है। वहीं मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने इस दिशा में तेजी से काम भी शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक यह माना जा रहा है कि मंत्रलय के स्तर से जल्द ही राज्यों से इसे अनिवार्य करने के लिए निर्देश जारी हो जाएंगे। स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए टीईटी को लागू करने का फैसला एनसीटीई की पहल पर ही किया गया था। फिलहाल यह अनिवार्यता अभी सिर्फ सरकारी स्कूलों में ही लागू है।