जारी बयान में उपाध्यक्ष पंकज मलिक ने बताया कि सरकार सच का गला घोंट रही है। गाजियाबाद के पुलिस अधिकारी ने पोस्टिंग-ट्रांसफर में व्याप्त लेन देन पर सवाल उठाया। वह दमन का शिकार बने। पीपीई किट घोटाले पर एक पत्रकार साथी ने सवाल उठा दिया तो पुलिस उन्हें प्रताड़ित करने लगी। केजीएमयू मेडिकल कॉलेज में सवाल उठा वहां भी सरकार का रैवया दमनकारी रहा। अभी एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ने कोरोना टेस्टिंग की मांग की तो उनपर एफआईआर किया गया। उन्होंने कहा कि अब भर्ती घोटाले की जांच कर रहे Prayagraj एसएसपी को हटाया गया। सुनने में आ रहा है कि कोरोना का सरकार बहाना बना रही है। यह कौन सी नियमावली है कि अगर कोई बीमार है तो उसे हटा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि Prayagraj में जिस वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लाया गया है। ये एसएसपी वही हैं जो Social Distancing की धज्जियां उड़ाते हुए अंधभक्तों के साथ थाली पीट रहे थे।
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज मलिक ने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचारियों के गिरोह से संचालित हो रही है। खुलेआम युवाओं-नौजवानों के सपनों के हत्यारों को बचाने की साजिश रची गयी है। यह ताबदला नहीं, बल्कि शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल लोगों को बचाने की कोशिश है।