SUV से बाइक में नहीं लगी टक्कर वहीं एमटी शाखा की जांच के बाद पुलिस की कहानी पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। कॉन्स्टेबल की बाइक का पूरी तरह से डैमेज होना और अब जांच में यह तथ्य सामने आना कहीं न कहीं पुलिस की थ्योरी को घेरे में खड़ा कर रही है। विवेक तिवारी की एसयूवी की जांच-पड़ताल के बाद एमटी शाखा ने जो तथ्य सामने लाए हैं उसके मुताबिक गाड़ी का अगला हिस्सा शहीद पथ के नीचे अंडरपास के पिलर से टकराने से डैमेज हुआ था। जबकि गाड़ी के साइड में कोई नुकसान नहीं हुआ।
कैसे हुई बाइक की ऐसी हालत वहीं मुआयना करने वाली जांच टीम ने दावा किया है कि विवेक की गाड़ी की अगर कॉन्स्टेबल से बाइक की मामूली टक्कर भी हुई होती तो भी उसका बायां हिस्सा डैमेज होना चाहिए था। जबकि एसयूवी के बायें हिस्से में तो कोई नुकसान ही नहीं हुआ। वहीं दूसरी तरफ कॉन्स्टेबल की बाइक का दायां हैंडल टूटकर अलग हो गया और पूरी बाइक को भी काफी नुकसान हुआ। कॉन्स्टेबल की बाइक की ऐसी हालत देखकर ऐसा लग रहा है कि वह किसी भयंकर हादसे का शिकार हुई हो। आपको बता दें कि विवेक तिवारी हत्याकांड में कॉन्स्टेबल की बाइक की निष्पक्ष जांच परिवहन विभाग की टेक्निकल टीम से करवाई गई थी।
फिर प्रशांत ने क्यों मारी गोली अब ऐसे में यह खुलासा इसलिए और भी चौंकाता है क्योंकि अभी तक इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी सिपाही प्रशांत लगातार ये कह रहा था कि विवेक तिवारी ने उसपर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की थी। इसलिए उसने बचाव में गोली चलाई। लेकिन इस खुलासे के बाद सवाल यह उठता है कि अगर विवेक तिवारी ने गाड़ी नहीं चढ़ाई तो फिल सिपाही ने गोली क्यों चलाई। आपको बता दें कि विवेक तिवारी की हत्या का आरोप दो कॉन्स्टेबल प्रशांत और संदीप पर लगा है। दोनों हिरासत में हैं उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।