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लखनऊ

प्रशांत को पता था इसका अंजाम इसलिए ऐसे की थी विवेक की हत्या, चार्जशीट दाखिल, इन खुलासों से बुरा फंसा सिपाही

एप्पल एरिया मैनेजर विवेक तिवारी हत्याकांड के मु्ख्य आरोपी निलंबित सिपाही प्रशांत चौधरी की मुसीबत बढ़ी गई हैं।

लखनऊDec 19, 2018 / 05:54 pm

Abhishek Gupta

vivek tiwari murder

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लखनऊ. एप्पल एरिया मैनेजर विवेक तिवारी हत्याकांड के मु्ख्य आरोपी निलंबित सिपाही प्रशांत चौधरी की मुसीबत बढ़ी गई हैं। मामले में दोषी पाए जाने के बाद बुधवार को प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाले लखनऊ के विवेक तिवारी हत्याकांड में एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है। इसी के साथ अब प्रशांत के बचने के सारे रास्ते बंद होते नजर आ रहे हैं। जांच में मामला पानी की तरफ साफ होता जा रहा है और पूर्व में जो भी कयासे लगाई जा रही थी वह सच हो रही हैं।
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चार्जशीट दाखिल-

विवेक तिवारी हत्याकांड में बुधवार को चार्जशीट सीजेएम कोर्ट में दाखिल कर दी गई। चार्जशीट में निलंबित सिपाही प्रशांत कुमार को हत्या का दोषी माना गया है वहीं सह आरोपी सिपाही संदीप के खिलाफ मारपीट की धारा में चार्जशीट दाखिल की गई है। जांच में सामने आया है कि सिपाही प्रशांत चौधरी को मालूम था कि गोली चलाने का अंजाम क्या हो सकता है। यह भी साफ हुआ कि विवेक तिवारी कार भगाने की कोशिश भी करता तो प्रशांत की जान को कोई खतरा नहीं था। फॉरेंसिक सबूतों से यह बात साबित हुई है।
रिपोर्ट में हुए कई खुलासे-

इंस्पेक्टर महानगर, विकास पाण्डेय ने यह चार्जशीट दाखिल की है। वहीं इससे पहले एसआईटी प्रमुख आईजी लखनऊ सुजीत पाण्डेय ने एडीजी लखनऊ को यह एसआईटी रिपोर्ट सौंप दी। जिसमें साफ बताया गया है हत्या के समय विवेक तिवारी की गाड़ी चल रही थी, इसकी पुष्टि जांच में एयर बैग खुले से हुई। सीट बेल्ट पर खून के निशान भी पाए गए हैं। जांच में सामने आया कि विवेक की गाड़ी से सिपाही प्रशांत और संदीप की जान खतरे में नहीं थी। इन हालातों में सीधे निशाना लेकर विवेक पर गोली चलाना फायरिंग की ट्रेनिंग के खिलाफ माना गया है।
जांच में यह भी सामने आया है कि प्रशांत को मालूम था कि गोली चलाने का अंजाम क्या हो सकता है। विवेक को जिस पिस्टल से गोली मारी गई, वह प्रशांत के नाम पर ही अलॉट की गई थी। फॉरेंसिक सबूतों से यह बात साबित हुई है। इस मामले में गठित एसआईटी ने जो रिपोर्ट सौंप है उसके अनुसार प्रशांत चौधरी पर 302 और संदीप के खिलाफ 323 के तहत मुकदमा दर्ज होता है। प्रशांत चौधरी को इस मामले में मुख्य आरोपी बताया गया है वहीं सह आरोपी संदीप कुमार की सिर्फ मौके पर मौजूदगी साबित हुई। जिससे उसे राहत दी गई है।
प्वॉइंट-ब्लैंक रेंज से विवेक को मारी गोली-

इससे पहले अक्टूबर में हत्या के बाद किए गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में बताया गया है कि विवेक को चेहरे के बांई तरफ प्वॉइंट-ब्लैंक रेंज से सिपाही द्वारा गोली मारी गई थी। इस तथ्य ने पुलिस के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें शुरुआत में बताया था कि विवेक को उस वक्त गोली मारी गई, जब वो अपनी कार को पीछे करने की कोशिश कर रहे थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी में यह भी उजागर हुआ था कि विवेक के शरीर में गोली ऊपर से नीचे की तरफ गई थी, इसका मतलब है कि कांस्टेबल ने किसी ऊंची जगह से या संभवतः गाड़ी के बोनट पर चढ़कर विवेक को गोली मारी थी। आपको बता दें कि दोषी प्रशांत को शरीर पर कहीं भी चोट नहीं लगी थी और न ही वो गाड़ी की टक्कर से नीचे सड़क पर गिरा था। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि प्रशांत ने विवेक को काफ़ी नजदीक से गोली मारी थी। ये गोली विवेक के शरीर में धँस गई थी।
vivek tiwari murder case
vivek tiwari murder case IMAGE CREDIT: Patrika

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