scriptअनिल तुलसियानी, महेश तुलसियानी व करन सहगल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी | Warrant against Anil tulsiyani Mahesh and Karan sahgak | Patrika News

अनिल तुलसियानी, महेश तुलसियानी व करन सहगल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

locationलखनऊPublished: Dec 01, 2018 01:18:17 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

धोखाधड़ी के इस मामले में दर्ज कराए गए एक परिवाद पर दिया है।

Tulsiani Construction

national lok adalat

ritesh singh

लखनऊ। अदालत ने धोखाधड़ी के एक मामले में हाजिर नहीं होने पर तुलसियानी कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स लिमिटेड के अनिल तुलसियानी, महेश तुलसियानी व करन सहगल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अदालत ने यह आदेश सुनीता अग्रवाल द्वारा धोखाधड़ी के इस मामले में दर्ज कराए गए एक परिवाद पर दिया है।
चार दिसंबर, 2017 को अदालत ने इस परिवाद पर संज्ञान लेते हुए इन सभी को बतौर अभियुक्त आईपीसी की धारा 406, 419, 420 , 467, 468, 471 व 120बी के तहत मुकदमे के विचारण के लिए तलब किया था। लेकिन अभियुक्तों की ओर से निचली अदालत के इस फैसले को सत्र अदालत में चुनौती दी गई थी।
13 नवंबर, 2018 को सत्र अदालत ने इनकी रिवीजन खारिज कर दी। साथ ही निचली अदालत के आदेश को वाजिब मानते हुए अभियुक्तों को 22 नवंबर को निचली अदालत में पेश होने का आदेश दिया था। लेकिन इस नियत तिथि पर अभियुक्त्गण निचली अदालत में पेश नहीं हुए।
निचली अदालत का कहना था कि अभियुक्तों को मामले की पूरी जानकारी है। बावजूद इसके हाजिर नहीं हुए। लिहाजा इन सबके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाता है। मामले की अगली सुनवाई पांच जनवरी को होगी।
सुनीता अग्रवाल ने अपने परिवाद में यह आरोप लगाया है कि वर्ष 2011 में अभियुक्तों ने सुशांत गोल्फ सिटी, अंसल एपीआई, सुलतानपुर रोड में गोल्फ न्यू अपार्टमेंट नामक आवासीय योजना लांच किया था। बुकिंग की तारीख से 30 माह के अंदर विकसित व सुसज्जित फ्लैट देने का वचन दिया । परिवादिनी ने अपने नाम से तीन फ्लैट बुक कराए। लेकिन वर्ष 2014 तक इसका कब्जा नहीं मिला। तब आठ माह बाद देने को कहा गया।
यह अवधि बीत जाने के बाद भी कब्जा नहीं मिला। फिर पता करने पर मालुम हुआ कि अभियुक्तों ने कुटरचित दस्तावेजों के आधार पर खुद को संपति का स्वामी बताते हुए फ्लैट का आवंटन किया था। जबकि बुकिंग के समय उनके पास कोई जमीन नहीं थी।
परिवादिनी का यह भी आरोप है कि उसने फ्लैट की बुकिंग के बाद युनियन बैंक, युको बैंक व पंजाब नेशनल बैंक से लोन कराया था। जिसकी किश्तों का भुगतान किया जा रहा है। जबकि अभियुक्तगण न तो फ्लैट का कब्जा और न ही धनराशि ही वापस कर रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो