स्कूलों को खोलने का दबाव दरअसल सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत जिस तरह सार्वजनिक बसों का संचालन, बाजार और मंदिरों को आम लोगों के लिए खोला गया है, उसी की वजह से अब स्कूलों को भी खोलने को लेकर अब प्रदेश के स्कूल मालिकों का भी सरकार पर दबाव बढ़ने लगा है। स्कूल खोलने के पक्ष में सबसे ज्यादा निजी स्कूल मालिक सक्रिय है। इन स्कूल मालिकों का कहना है कि बच्चो की पढ़ाई पूरी तरह से ऑनलाइन नहीं कराई जा सकती। जिन छात्रों की बोर्ड की परीक्षाएं अगले ही कुछ महीनों के बाद होने वाली है, उन्हें बगैर क्लास रूम और लैब तक लाए उनका कोर्स पूरा नहीं किया जा सकता। इससे पढ़ाई अधूरी रहेगी। जिससे उनका नुकसान होगा।
एनसीईआरटी ने तैयार की गाइडलाइंस जानकारी के मुकाबिक इन्हीं मागों को देखते हुए अब केंद्र सरकार मंथन में जुट गई है। सूत्रों के मुताबिक सेफ्टी गाइडलाइन के साथ स्कूलों को भी शुरू किया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक स्कूलों के लिए सेफ्टी गाइडलाइन एनसीईआरटी ने तैयार कर ली हैं, जिन्हें देश के साथ प्रदेश के स्कूलों में भी लागू किया जाएगा। इसमें बच्चों के बीच की दूरी दो गज रखने, मास्क लगाने, हाथ को साबुन से साफ करते रहने, क्लास को हर दिन सैनीटाइज करने, असेंबली आयोजित न करने, हाथ धुले बगैर बच्चों को कुछ भी न खाने को लेकर जागरुक करने समेत कई मुख्य बिंदु शामिल किये गए हैं। साथ ही इसे लेकर स्कूलों की भी जवाबदेही भी तय करने की तैयारी है, जिससे कहीं भी सेफ्टी गाइडलाइन का उल्लंघन न हो।