आरके विश्वकर्मा के बाद यूपी पुलिस में एक बार फिर DGP की रेस तेज हो गई है। DGP की कुर्सी के दावेदारों की बात करें तो मौजूदा हालात में 3 IPS अधिकारी सीनियर लिस्ट में सबसे ऊपर हैं, जिनके पास 6 महीने से अधिक का कार्यकाल बाकी है। नियमता उसी व्यक्ति को पूर्णकालिक DGP बनाया जा सकता है, जिसके रिटायरमेंट में नियमत 6 महीने का वक्त बाकी हो।
मुकुल गोयल का नाम सबसे ऊपर है। उनके पास फरवरी 2024 तक का वक्त है। दूसरे नंबर पर 1988 बैच के IPS और डीजी को-परेटिव सेल आनंद कुमार का नाम है, जिनका अप्रैल 2024 में रिटायरमेंट है। तीसरे नंबर पर 88 बैच के IPS अधिकारी विजय कुमार है। विजय कुमार जनवरी 2024 में रिटायर होंगे। विजय कुमार वर्तमान में DG सीबीसीआईडी है और विजिलेंस का अतिरिक्त प्रभार है।
अब तक DGP के लिए ना तो पैनल भेजा गया है और ना ही वर्तमान में कार्यवाहक DGP आरके विश्वकर्मा के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से कोई प्रस्ताव भेजा गया है। ऐसे में एक बार फिर कार्यवाहक DGP की ही संभावना अधिक नजर आती है।
दरअसल, आनंद कुमार और स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार श्रीवास्तव बिरादरी से आते हैं। सरकार अगर आनंद कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाती है तो स्पेशल डीजी लॉ आर्डर प्रशांत कुमार को बदलना पड़ेगा, ऐसा सरकार करने के मूड में बिल्कुल नहीं है।
यही वजह आनंद कुमार की दावेदारी को कमजोर करती है, लेकिन दूसरी तरफ सरकार अगर अपने कार्यकाल के मुफीद अधिकारी के तौर पर देखेगी तो आनंद कुमार उस पैमाने पर सबसे फिट हैं। आनंद कुमार लंबे समय तक ADG लॉ एंड ऑर्डर और DG जेल जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था व अपराध नियंत्रण को बखूबी समझने वाले काबिल अफसर माने जाते हैं।
तीसरा नाम विजय कुमार का है, वो दलित हैं। लिहाजा लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के लिए जातिगत समीकरण के आधार पर विजय कुमार मुफीद होंगे और अफसरों का एक मजबूत धड़ा विजय कुमार की पैरवी करने में भी लगा है।
चर्चा किसी के भी नाम की हो, DGP की कुर्सी पर कोई भी बैठे, लेकिन इतना तो तय है कि एक साल बाद भी उत्तर प्रदेश पुलिस को पूर्णकालिक DGP मिलने नहीं जा रहा है। इस बार भी कार्यवाहक DGP से ही काम चलेगा।