scriptबाउंड्री पर राजनीति: अखिलेश की राह पर योगी, रामलीला मैदान की चाहरदीवारी बनवाएंगे | Yogi government alotted budget for walls around ramlila grounds | Patrika News
लखनऊ

बाउंड्री पर राजनीति: अखिलेश की राह पर योगी, रामलीला मैदान की चाहरदीवारी बनवाएंगे

बाउंड्री पर राजनीति: अखिलेश की राह पर योगी, राम लीला मैदान की चाहरदीवारी बनवाएंगे

लखनऊAug 29, 2018 / 04:29 pm

Prashant Srivastava

UP leader's politics out of UP is too much

UP leader’s politics out of UP is too much

लखनऊ. योगी सरकार ने अनुपूरक बजट के जरिए मिशन 2019 की चुनावी बिसात भी बिछा दी है। सरकार ने भी अनुपूरक बजट में प्रदेशभर के रामलीला स्थलों और मैदानों की चारदीवारी का ऐलान कर दिया है। इसके लिए बकायदा बजट घोषित कर दिया है। बजट में रामलीला मैदानों की चहारदीवारी और गोसंरक्षण केंद्र, गौशाला के लिए 54 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसके तहत उन्हीं रामलीला मैदान की चहारदीवारी की जाएगी जो सरकारी जमीनों पर बने हैं। पहले चरण में वाराणसी, इलाहाबाद, मथुरा और फैजाबाद के रामलीला मैदानों की चाहरदिवारी बनाने के लिए पांच करोड़ के बजट का ऐलान किया गया है। बता दें कि अखिलेश यादव के कार्यकाल में यूपी के कब्रिस्तानों की चारदीवारी के लिए पैसा दिया गया था।

संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार का कहना है कि राम लीला मैदान पब्लिक प्रॉपर्टी के तौर पर माने जाते हैं। इनमें केवल दशहरा का मेला ही नहीं बल्कि निजी कार्यक्रमों के लिए भी इनकी बुकिंग होती है। ऐसे में सरकार की प्लानिंग है कि इन मैदानों की न सिर्फ बाउंड्री वॉल बल्कि वॉशरूम व पानी की व्यवस्था आदि करना भी है। उन्होंने कहा कि सभी राम लीला मैदान ऐतिहासिक हैं। ऐसा कहा जाता है कि आजादी की लड़ाई के वक्त इन राम लीला मैदानों में स्वतंत्रता सेनानी एकजुट हुआ करते थे। ये मैदान स्वतंत्रता आंदोलन के गवाह हैं।
बता दें कि अखिलेश सरकार में कब्रिस्तानों की चहारदीवारी का निर्माण हुआ था जिसमें गड़बड़ी की जांच योगी सरकार ने कराने की घोषणा थी। 5 साल में चहारदीवारी में 1200 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। कब्रिस्तान चहारदीवारी योजना अखिलेश सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आजम खान ने चलाई थी।कब्रिस्तानों की चार दीवारी की गुणवत्ता जांचने के लिए डीएम, एसडीएम व तहसीलदारों की जिम्मेदारी तय की गई थी लेकिन किसी ने कभी कुछ नहीं किया।योगी सरकार ने जांच के लिए विभाग के विशेष सचिव और आईएएस अधिकारियों की अगुवाई में तीन सदस्यों की एक जांच कमेटी बना दी थी।
विपक्षी दलों ने इस पर निशाना साधा

समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता ऋचा सिंह का कहना है कि आम चुनाव बहुत करीब हैं बीजेपी को अंदेशा है कि जनता उनको नकारने जा रही है। अर्थव्यवस्था की क्या स्थिति है सब जानते हैं, पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं हो रहे इसी कारण बीजेपी कम्यूनल मुद्दा छेड़कर अपना हिंदुत्व कार्ड खेलना चाहती है। हम भी चाहते हैं राम लीला मैदानों में बाउंड्री बने लेकिन उससे पहले बाकी जरूरी काम भी किए जाएं। योगी सरकार गोरखपुर में ऑक्सीजन मुहैया करवा देती तो इतने बच्चों की जान बचा बचा जाती है। अभी भी आए दिन ऑक्सीजन की कमी की खबरे आती रहती हैं। इसके अलावा महिलाओं व किसानों की क्या स्थिति है इस पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत का कहना है कि जितनी भी सामाजिक जगहों की जमीनें हैं, उनकी सबकी बाउंड्री बनाने का एक निश्चित नियम होना चाहिए। चाहे वह कब्रिस्तान हो, रामलीला मैदान हो या फिर श्मशान। इसके लिए एक फंड निर्धारित किया जाना चाहिए ताकि अवैध कब्जा ना हो पाए लेकिन भारतीय जनता पार्टी के लोग कहीं न कहीं हिंदू-मुसलमान का रंग देना चाहते हैं, जो उनकी आदत भी है।
बीजेपी ने किया बचाव

बीजेपी प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी का कहना है कि राम लीला सांप्रदायिक सौहार्द का पर्व है। बहुत से गांव में कई धर्म के लोग मिलकर इस त्योहार को मनाते हैं। राम लीला का मैदान का इस्तेमाल भी सभी करते हैं। ऐसे में कम्यूनल कार्ड की बात कहां से आ गई। समाजवादी पार्टी के लोगों की खुद की मानसिकता कैसी है सबको पता है। जाति-धर्म के चश्मे से हर चीज वहां देखने की पुरानी आदत है। योगी सरकार के इस फैसले का सभी को स्वागत करना चाहिए।

Home / Lucknow / बाउंड्री पर राजनीति: अखिलेश की राह पर योगी, रामलीला मैदान की चाहरदीवारी बनवाएंगे

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो