जानें क्या लिखा है पत्र में जो खत वायरल हुआ है उसमें लिखा है- राज्य योजना आयोग-2 उत्तर प्रदेश शासन के पत्र संख्या 5/2017/(1251/17)/9/5/35-आ-2/2007-69 दिनांक 26/04/2017 के क्रम में मेरे द्वारा दिनांक 27 सितंबर, 2018 को प्रभारी जनपद देवरिया का भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान शासन की प्राथमिकताओं एवं विकास कार्यक्रमों का प्रभावी अनुश्रवण सुनिश्चित कराए जाने हेतु समस्त विभागों के जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की गई। उपर्युक्त बैठक से संबंधित आख्या कृपया आपके अवलोकनार्थ संलग्न कर प्रेषित है। हालांकि मंत्री अनुपमा जायसवाल ऐसे किसी भी खत की बात को खारिज कर रही हैं। अभी वह मथुरा में हैं। जब उनसे इस खत के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया।
अनुपमा जायसवाल का बयान… इस मामले को लेकर अनुपमा जायसवाल ने कहा कि मुझे भी इसकी जानकारी मिली है। हम अपने दौरे की रिपोर्ट केवल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रस्तुत करते हैं। मैंने एेसा कोई पत्र नहीं लिखा है। यह पत्र किसी एेसे व्यक्ति की शरारत है जो संघ की कार्यप्रणाली को नहीं समझता है। पत्र में सह कार्यवाहक लिखा है, जबकि संघ में सह कार्यवाह होते हैं।
विपक्ष ने उठाए सवाल समाजवादी पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता ऋचा सिंह ने कहा कि बीजेपी पूरी तरह से संघ की कठपुतली है। अनुपमा जायसवाल पर करप्शन के आरोप हैंं। उन पर कार्रवाई भी नहीं हुई। क्या उन्हें संघ ने बचाया। सब जानते हैं बीजेपी विधायकों की अपनी कोई पाॅवर नहीं है। संघ की सरकार चाा रहा है। बीजेपी संघ के इशारे पर ही चलता है सबको पता बै। अब रिपोर्ट भी उन्हीं को की जा रही है।
वहीं कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा है कि 2017 के चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के लोगों से वादा किया था कि हम सरकार में आने पर जनहित के कार्य करेंगे और हमारी जवाबदेही जनता के लिए होंगे लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है इन की जवाबदेही जनता से ना होकर आर एस एस के प्रति है। चुनाव आ गए हैं आरएसएस अपने बांटने के काम में दिन-रात लगा है। यह वही आरएसएस है जिसने देश को बांटा था और अब भारत के समाज को बांट रहा है। योगी सरकार के मंत्री भी मजबूरी में इन्हें रिपोर्ट कर रहे हैं।