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लखनऊ

योगी सरकार के एक साल: शिक्षा व्यवस्था में किए ये बदलाव, रोजगार की भी दी उम्मीद

योगी सरकार के एक साल पूरे हो गए हैं। इस एक साल में प्रदेश सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के कई प्रयास किए।

लखनऊMar 18, 2018 / 02:34 pm

Prashant Srivastava

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लखनऊ. योगी सरकार के एक साल पूरे हो गए हैं। इस एक साल में प्रदेश सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के कई प्रयास किए। निजी स्कूलों की मानमानी पर रोक, यूपीएसएसएसएसी आयोग का गठन, यूपी बोर्ड परीक्षा में सख्ती, भर्तियों की जांच इनमें अहम हैं। वहीं प्रदेश में रोजगार बढ़ाना का भी प्रयास हुआ। इसमें सबसे बड़ा कदम इन्वेस्ट समिट रहा। इसके माध्यम से यूपी में नौकरियां पैदा करने की कोशिश की गई है। इन्हीं प्रयासों के बारे में हम आपको बता रहे हैं-
निजी स्कूलों की रुकेगी मनमानी

प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने के खिलाफ विधेयक लाने की बात कही।इसी पर अमल करते हुए सरकार ने मनमानी फीस वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए इसके विधेयक का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसके तहत हर साल निजी स्कूल एडमिशन फीस नहीं वसूल पाएंगे। जो विधेयक प्रस्तावित किया गया है वे यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएसई सहित प्रदेश में संचालित सभी बोर्ड के स्कूलों पर लागू होगा। मसौदे में 20 हजार रुपये सालाना से अधिक फीस लेने वाले स्कूल-कॉलेज पर घेरा कसा गया है।
बोर्ड परीक्षा में सख्ती

यूपी बोर्ड में इस बार सरकार की सख्ती के कारण रिकॉर्ड 11 लाख से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा छोड़ी। अब डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि जिन विद्यालयों में 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों ने परीक्षा छोड़ी उनकी खासतौर पर जांच की जाए। दरअसल यूपी सरकार को शक है कि प्रदेश के कुछ विद्यालयों ने बोर्ड एग्जाम के लिए फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाया था। जांच आदेश में कहा गया है कि जिन विद्यालयों में 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों ने परीक्षा छोड़ी है. उन विद्यालयों की जांच की जाए।

मदरसों के लिए अलग पोर्टल

मदरसों के लिए एक अलग वेबसाइट पोर्टल लॉन्च किया गया है जिसमें सरकारी अनुदान और मान्यता प्राप्त मदरसों को सारी जानकारियां देनी होंगी। इससे मदरसों के फर्जीवाड़े को रोका जाएगा। इसके अलावा मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए फंड भी जारी किया गया। हालांकि पिछली सरकार सरकार की कई योजनाएं बंद होने से कुछ निराशा भी है जिसमें कन्या विद्याधन और फ्री लैपटॉप वितरण शामिल है।
चयन आयोग का गठन

योगी सरकर ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के गठन की मंजूरी दी। चंद्रभूषण पालीवाल को इस आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं डॉ. सीमा रानी, ह्रदय नारायण राव, अरुण सिन्हा, अशोक कुमार अग्रवाल को इस आयोग का सदस्य बनाया गया है। चंद्रभूषण पालीवाल 1981 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।योगी सरकार के इस फैसले के बाद से साफ हो गया है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग रिक्त पदों पर भर्तियां शुरू कर सकता है। प्प्रदेश में करीब 60 हजार से अधिक पद रिक्त हैं। इनमें करीब 50 हजार से ज्यादा पद इस आयोग के दायरे में आएंगे।समूह ‘ग’ के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए गठित इस आयोग में अध्यक्ष व सात सदस्यों के पद खाली हैं।

इन्वेस्टर समिट से उम्मीद


यूपी की राजधानी लखनऊ में इन्वेस्टर्स समिट में देशभर के नामी-गिरामी उद्योगपतियों ने यूपी में निवेश की घोषणा की। इस दौरान करीब 4.28 लाख करोड़ रुपये निवेश की घोषणा हुई। सबसे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानीने 10 हजार करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया। समिट में सबसे पहले अपनी कंपनी के निवेश की घोषणा करते हुए कहा कि यूपी के हर गांव में जियो पहुंचेगा। दिसंबर तक हर गांव को हम जियो कनेक्टिविटी से जोड़ देंगे। इसके अलावा मंगलम बिरला, आनंद महेंद्रा समेत तमाम उद्दोगपतियों ने भी निवेश की घोषणा की थी।

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