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स्थगित हुई योगी सरकार की कैबिनेट बैठक, सामने आया यह बड़ा कारण

locationलखनऊPublished: Oct 29, 2019 12:42:10 pm

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट बैठक मंगलवार को स्थगित कर दी गई है।

स्थगित हुई योगी सरकार की कैबिनेट बैठक, सामने आया यह बड़ा कारण

स्थगित हुई योगी सरकार की कैबिनेट बैठक, सामने आया यह बड़ा कारण

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की कैबिनेट बैठक मंगलवार को स्थगित कर दी गई है। सूचना विभाग ने इसकी जानकारी दी। हालांकि बैठक क्यों स्थगित की गई है इसकी जानकारी नहीं दी गई है। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुहर्रम के बाद अब आज यानी भैया दूज को कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। इसमें कई नीतिगत प्रस्तावों पर निर्णय की संभावना थी। सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान भीड़ हिंसा व एसिड अटैक जैसे मामलों में मुआवजे का 25 प्रतिशत हिस्सा तत्काल अंतरिम सहायता के तौर पर देने व धान खरीद नीति सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय हुए थे। पढ़िये यूपी की अन्य प्रमुख खबरें…

बिजली का बिल चुकाने के मामले में राजनेताओं और अधिकारियों के खराब रिकॉर्ड को सुधारने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला उठा है। अब हर अधिकारी, राजनेताओं व सरकारी अफसरों के घरों पर प्रीपेड मीटर लगेगा। मंगलवार को ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में नेताओं और सरकारी अधिकारियों का रिकॉर्ड बिजली बिल भरने में बेहतर नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए उन सभी के सरकारी आवास पर प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक लाख प्रीपेड मीटर के ऑर्डर दे दिए गए हैं। जैसे-जैसे ये मीटर आते जाएंगे, सरकारी आवासों में लगते जाएंगे। सभी प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भी अपने यहां प्रीपेड मीटर लगाने की अपील की जाएगी।

अभी यूपी में करीब साढ़े तीन हजार भर्तियों को नियुक्ति के लिये इंतजार करना होगा। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के तकरीबन साढ़े तीन हजार पद खाली हैं। उच्च शिक्षा निदेशालय ने तो रिक्त पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन भी तैयार कर लिया था लेकिन रिक्त पदों के सत्यापन की व्यवस्था बदलने के कारण निदेशालय को फि नए सिरे से कवायद करनी होगी और ऐसे में अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती के लिए लंबा इंतजार करना होगा। उच्च शिक्षा निदेशालय ने असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए साल भर पहले उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को अधियाचन भेज दिया था। आयोग भर्ती विज्ञापन का विज्ञापन जारी करता, इससे पहले ही निदेशालय ने अधियाचन वापस ले लिया। इसके बाद नए सिरे से आरक्षण की समीक्षा शुरू हुई लेकिन इस बीच गरीब सवर्णों को आरक्षण का लाभ देने की घोषणा कर दी गई।

भारत सरकार द्वारा यूरोपीय संघ के सांसदों को को कश्मीर भेजने के फैसले पर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सवाल खड़े किए। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां का हालातों का जायजा लेने यूरोपीय संघ के सांसदों को भेजने के फैसले पर मायावती ने कहा विपक्षी पार्टियों के सांसदों को वहां जाने की अनुमति देती तो बेहतर होता। मायावती ने ट्वीट किया, ‘जम्मू-कश्मीर में संविधान की धारा 370 को समाप्त करने के उपरान्त वहां की वर्तमान स्थिति के आकलन के लिए यूरोपीय यूनियन के सांसदों को जेके भेजने से पहले भारत सरकार अगर अपने देश के खासकर विपक्षी पार्टियों के सांसदों को वहां जाने की अनुमति दे देती तो यह ज्यादा बेहतर होता।’

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