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लखनऊ

योगी सरकार ने शिक्षामित्रों को दिया तगड़ा झटका, नहीं थी किसी को उम्मीद

हाईकोर्ट (High Court) ने 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Shikshak Bharti) में योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) को 37,339 पद नहीं भरने का आदेश दिया था, क्योंकि कोर्ट को बताया गया था कि 45/40 फीसदी से ज्यादा अंक पाने वालों वाले शिक्षामित्रों (UP Shiksha Mitra) की संख्या 37,339 है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Suopreme Court) में कहा कि हम शिक्षामित्रों (Shikshamitra) के लिए 37,339 पद खाली नहीं रख सकते…

लखनऊJun 15, 2020 / 02:53 pm

नितिन श्रीवास्तव

योगी सरकार की तरफ से शिक्षामित्रों को तगड़ा झटका, नहीं थी किसी को उम्मीद

योगी सरकार की तरफ से शिक्षामित्रों को तगड़ा झटका, नहीं थी किसी को उम्मीद

लखनऊ. यूपी शिक्षा मित्रों की भर्ती का विवाद अब नया रंग लेता नजर आ रहा है। केस की सुनवाई की तय तारीख 14 जुलाई से पहले अब योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से शिक्षामित्रों के बगैर ही 69,000 शिक्षकों की भर्ती करने की अनुमति मांगी है। सरकार ने कहा कि शिक्षक भर्ती परीक्षा, 2019 में सिर्फ 8,018 शिक्षा मित्र ही 65/60 (सामान्य/आरक्षित) फीसदी अंक के साथ पास हुए। जबकि 45/40 (सामान्य/आरक्षित) फीसदी से ज्यादा अंक वाले शिक्षा मित्रों की संख्या 32,629 है, 37339 नहीं। जो 9 जून 2020 के आदेश में आ गया था। दरअसल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 37,339 पद नहीं भरने का आदेश दिया था, क्योंकि कोर्ट को बताया गया था कि 45/40 फीसदी से ज्यादा अंक पाने वालों वालों की संख्या 37,339 है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हम शिक्षामित्रों के लिए 37,339 पद खाली नहीं रख सकते। सरकार का यह कदम शिक्षामित्रों के लिए तगड़ा झटका है, जिसकी उनको भी उम्मीद नहीं थी।

सहायक शिक्षकों की 51,112 रिक्तियां मौजूद

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में राज्य सरकार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षकों की 51,112 रिक्तियां मौजूद हैं। जिनकी भर्ती और विज्ञापन प्रक्रिया अभी शुरू नहीं की गई है। अगर कोर्ट सरकार को शिक्षक भर्ती परीक्षा, 2019 को जारी रखने की अनुमति दे तो किसी पक्ष का कोई नुकसान नहीं होगा। फैसला आने पर शिक्षा मित्रों को अगली भर्ती में एडजस्ट किया जा सकता है। क्योंकि अगर पद खाली रहेंगे तो 65/60 फीसदी से कम अंक पाने वाले गैर शिक्षामित्र उम्मीदवार इसी आधार पर नौकरी पाने का दावा करेंगे। ऐसे लोगों की संख्या 2,15,000 से ज्यादा है। सरकार ने कहा कि एक मई के आदेश में कोर्ट ने आदेश दिया था कि सहायक शिक्षक के रूप में काम कर रहे किसी शिक्षामित्र को न छुआ जाए। जबकि कोई शिक्षा मित्र सहायक शिक्षक के तौर पर नहीं है। उन्हें 2108 में ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वापस शिक्षामित्र बना दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट का था आदेश

वहीं दूसरी तरफ शिक्षा मित्रों का कहना है कि जो भी योग्य शिक्षामित्र 45/40 से ज्यादा अंक हासिल करते हैं, उन्हे भारांक देकर नियुक्ति दी जाए, लेकिन सरकार ने 2019 की परीक्षा में कट आफ अंक बढ़कर 65/60 कर दिए जिससे 32,629 शिक्षामित्र उम्मीदवार बाहर हो गए। हाईकोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी तो वे सुप्रीम कोर्ट आ गए। दरसअल 2018 में शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद्द करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि भविष्य में होने वाली भर्ती में इन शिक्षामित्रों के अनुभव को देखते हुए सरकार इन्हें अतिरिक्त भरांक देने पर विचार कर सकती है।

शिक्षक परीक्षा, 2019 में बैठे शिक्षामित्र : 45,357
65 फीसदी से कम लेकिन 45 फीसदी से ज्यादा अंक लाने वाले शिक्षामित्र : 9,386
60 फीसदी से कम लेकिन 40 फीसदी से ऊपर अंक लेने वाले : 23,243
(कुल फेल 32,629)
65 फीसदी से ऊपर वाले शिक्षा मित्र : 1,561
60 फीसदी से उपर अंक वाले शिक्षा मित्र: 6,457
(कुल पास 8,018)

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