दुर्घटना की सूचना से मचा हाहाकार
दिल्ली-आगरा सुपर एक्सप्रेस हाइवे पर बस (Delhi-Agra Super Express Highway bus accident ) पलटने से बचे हुए लोगों ने जब घर पर अपने सही सलामती की सूचना दी तब कहीं जाकर मधुबनी के मधेपुर प्रखंड के भेजा थाना क्षेत्र के महपतिया गांव में मचा कोहराम शांत हो सका। बस पर गांव के मो. हारून के पुत्र खुर्शीद आलम व मो. शमीम और मो. अस्मत के पुत्र मो. जसीम दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। परिजनों को बस दुर्घटना की सूचना मिली, तो तीनों के घरों में हाहाकार मच गया। परिजनों में अनहोनी का भय समा गया। परिजनों ने उनसे संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन मोबाइल नम्बर नहीं मिल सका।
फोन से आई शांति
खुर्शीद और शमीम के बच्चे बार-बार अपनी अम्मी से पूछ रहे थे कि अब्बा कैसे हैं। उनकी पत्नियों के आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे। घरों में देर तक इस तरह की बैचेनी और आशंकाएं व्याप्त रही, अचानक एक अनजान नंबर से फोन की घंटी बजी। दूसरी तरफ से खुर्शीद था। उसने परिजनों को बताया कि वे तीनों सही-सलामत हैं और दिल्ली पहुंच गए हैं। बताया कि उन्हें चोट आई है, लेकिन घबराने की कोई बात नहीं। फोन पर बात होने के बाद परिजनों को चैन मिला।
परिवार पालने के लिए गए थे
ये लोग दिल्ली में फैक्ट्री में काम करते थे। उसी से परिवार का गुजारा चलता था। लॉकडाउन में काम छूट गया तो रमजान में तीनों घर आ गए। लेकिन, यहां रहते हुए पैसे खत्म हो गए थे। वापस दिल्ली नहीं जाते तो परिवार का गुजारा कैसे होता। परिजनों ने बताया कि काम बंद होने के बाद रुपयों की तंगी हो गई थी। दिल्ली से वापस आने के बाद वे हमेशा इसी सोच में रहते थे कि अब परिवार कैसे चलाएंगे। गांव के कई और युवक दिल्ली में ही नौकरी करते थे। रमजान में उन तीनों के साथ गांव का सगीर आलम भी वापस आ गया, लेकिन उनके साथ वापस नहीं गया। इस बीच अनलॉक के बाद फैक्ट्री में कामकाज शुरू हुआ तो उन्हें दिल्ली वापस आने के लिए कहा जाने लगा। इस बात से सभी खुश थे कि कुछ आमदनी होगी तो घर-परिवार का गुजारा हो सकेगा किन्तु दुर्घटना की सूचना ने एकबारगी तो परिवारों पर वज्रपात कर दिया। सही सलामती की सूचना के बाद घरों का माहौल सामान्य हो सका।