जिले में सरायपाली, बसना, पिथौरा, बागबाहरा एवं महामसुंद मेें धान संग्रहण केंद्र है। जहां समितियों में रखे धानों को यहां संग्रहण किया जाएगा। डीओ जारी नहीं होने के कारण उठाव को लेकर अधिकारियों के पसीने छूट रहे हंै। वहीं मिलर्स को डिलीवरी आदेश जारी नहीं होने के कारण दिक्कते आ रही है। जिले के 122 धान खरीदी केंद्रों में अभी भी 22 लाख क्विंटल धान जाम है, जो केंद्रों की क्षमता से अधिक है। तुमाडबरी स्थित संग्रहण केंद्र में 12 लाख क्विंटल, सरायपाली में 7 लाख, पिथौरा व बसना में ५-५ लाख एवं बागबाहरा में ८ लाख क्विंटल की क्षमता है। 4 लाख क्विंटल धान संग्रहण केंद्र में जमा हो चुके हंै।
बसना व पिथौरा में पहले से ही ५-५ लाख क्विंटल धान रखा जा चुका है। इसलिए वहां के धान को अब तुमाडबरी स्थित धान संग्रहण केंद्र में लाया जाएगा। वहीं कुछ क्विंटल धान को बागबाहरा के संग्रहण केंद्र में भी जमा करेंगे। विभाग वर्तमान में खरीदे गए धान को रखने के लिए व्यवस्था में जुटी हुई है। डीएमओ सुनील राजपूत ने बताया कि कुछ दिनों से उठाव के लिए डीओ जारी नहीं होने के कारण धान समितियों में जाम हो गया है। अब मिलर्स व ट्रांसपोटरों को उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है। आने वाले दिनों में उठाव में तेजी आएगी। अब तक ४५ लाख क्विंटल उठाव हुआ है।
१० लाख क्विंटल धमतरी जाने से मिलेगी राहत
जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी डीएल नायक ने बताया कि उठाव नहीं होने के कारण समितियों में २२ लाख क्विंटल का धान जाम है। १० लाख क्विंटल धान को धमतरी भेजा जाना है। धमतरी भेजने के लिए अभी अनुमति प्राप्त नहीं हुई है, यदि महासमुंद से १० लाख क्विंटल धान को धमतरी भेजने का जल्द आदेश जारी होता है, तो सारी मुश्किले दूर हो जाएंगी। ज्ञात हो कि इस वर्ष एक नवंबर से ३१ जनवरी तक धान खरीदी १२२ समितियों के माध्यम से हुई है। इस वर्ष 117516 किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था। कर्ज माफी और बढ़े समर्थन मूल्य के चलते 111369 किसानों ने धान बेचा। वहीं ६१४७ किसानों ने इस वर्ष धान बेचने में रूचि नहीं दिखाई।