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महासमुंद

छात्रावास व स्कूलों के ऊपर से गुजरी विद्युत लाइन, शिफ्टिंग की प्लानिंग फाइलों में कैद

महासमुंद. पटेवा छात्रावास में जनवरी महीने में हुए हादसे के बाद जिले के स्कूल व छात्रावासों के ऊपर से गुजरे विद्युत तारों को शिफ्ट करने की योजना फाइलों से धतराल पर अभी तक नहीं उतरी है। जबकि, स्कूल व छात्रावासों को चिह्नित कर इसकी सूची विद्युत विभाग को भेज दी गई थी। अब विभाग के अधिकारी का कहना है कि फंड नहीं मिलने के कारण विद्युत तारों की शिफ्टिंग नहीं हो पाई है।

महासमुंदApr 30, 2022 / 05:46 pm

Jitendra Satpathi

छात्रावास व स्कूलों के ऊपर से गुजरी विद्युत लाइन, शिफ्टिंग की प्लानिंग फाइलों में कैद

छात्रावास व स्कूलों के ऊपर से गुजरी विद्युत लाइन, शिफ्टिंग की प्लानिंग फाइलों में कैद

महासमुंद. पटेवा छात्रावास में जनवरी महीने में हुए हादसे के बाद जिले के स्कूल व छात्रावासों के ऊपर से गुजरे विद्युत तारों को शिफ्ट करने की योजना फाइलों से धतराल पर अभी तक नहीं उतरी है। जबकि, स्कूल व छात्रावासों को चिह्नित कर इसकी सूची विद्युत विभाग को भेज दी गई थी। अब विभाग के अधिकारी का कहना है कि फंड नहीं मिलने के कारण विद्युत तारों की शिफ्टिंग नहीं हो पाई है।
जिले के कुल 37 छात्रावास परिसर के ऊपर से 11 केवी व 33 केवी के विद्युत तार गुजरे हैं। इसके अलावा पास में ट्रांसफर्मर भी है। वहीं महासमुंद डिविजन में ही 46 स्कूलों के ऊपर से बिजली की लाइन गई है और ट्रांसफार्मर भी नजदीक में लगा है। यहां थोड़ी सी लापरवाही से जान पर भारी पड़ सकती है। मालूम हो कि प्री-मेट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास पटेवा में गणतंंत्र दिवस पर एक छात्रा की मौत करंट लगने से हो गई थी। इसके बाद से अब तक स्कूल या छात्रावास परिसर से विद्युत तारों को शिफ्ट करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। अब नया शिक्षा सत्र १५ जून से शुरू होगा। इससे पहले विद्युत पोलों की शिफ्टिंग हो पाएगी, ऐसा नजर नहीं आ रहा है। जानकारी के मुताबिक पटेवा के कन्या छात्रावास से तो हादसे कुछ दिनों बाद तारों की शिफ्टिंग तो हो गई थी। बाकी स्कूलों को इंतजार है। बताया जाता है कि स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। स्कूलों की सूची भी सौंपी जा चुकी है। विद्युत कंपनी के ईई आरके बांसकर ने बताया कि फंड का इंतजार है। शिक्षा विभाग के सचिव व आदिम जाति कल्याण विभाग को पत्र लिखा गया है। अब तक फंड नहीं मिलने से शिफ्टिंग का कार्य नहीं हो पाया है।फाइलों में कैद
कम उंचाइयों पर झूल रहे तार
स्कूल व छात्रावास ही नहीं, शहर के वार्डों में भी तारों की उंचाई कम है। कई बार विद्युत कंपनी को अवगत भी कराया जा चुका है। बम्हनी से बेलसोंडा जोन वाले मार्ग पर कई जगह विद्युत तारों की ऊंचाई काफी कम है। जिससे कभी भी दुर्घटना घट सकती है। इन्हीं मार्गों से भारी वाहन भी गुजरते हैं। विद्युत कंपनी इस ओर भी ध्यान नहीं दे रही है। हादसे की संभावना को देखते हुए तारों को व्यवस्थित करने की आवश्यकता है।
इन छात्रावासों ने की है शिफ्टिंग की मांग
प्री-मेट्रिक अजा छात्रावास मचेवा, खैरा, सिरपुर, आदिवासी बालक छात्रावास पटेवा, कन्या छात्रावास महासमुंद, आदिवासी छात्रावास पटेवा, झलप, डूमरपाली, झारा, अजा बालक व आदिवासी छात्रावास बागबाहरा, कोमाखान, तेंदूकोना, बोडऱीदादर, बीकेबाहरा, अजा बालक छात्रावास पिरदा, आदिवासी बालक छात्रापास सांकरा, तरेकेला, कन्या छात्रावास पिरदा, कन्या आश्रम पिरदा, कन्या व बालक छात्रावास पिथौरा, आदिवासी कन्या छात्रावास बसना, प्री-मेट्रिक अजा कन्या छात्रावास बसना, बालक आश्रम उड़ेला, कन्या छात्रावास बिछिया, बालक आश्रम फुलवारी, बालक छात्रावास तरेकेला, पाटसेंद्री, कन्या आश्रम चट्टीगिरोला, विद्या आश्रम जोगनीपाली, कन्या छात्रावास बलौदा शामिल हैं।
इन स्कूलों के ऊपर से गुजरे तार
प्राथमिक शाला पीढ़ी, परसाडीह, बेलसोंडा टीकरापारा, बेलसोंडा, खड़सा, नांदगांव, हाड़ाबंद, चरौदा, नवागांव, बोइरगांव, आवराडबरी, बेलर, जोरातराई, पाली, सोरम, तेनदुलोथा, कोल्दा, बांसकाटा, सालडबरी, तुपकबोरा, खाड़ादरहा, मुनगासेर, सरायपाली, डोंगरगांव, पतेरापाली, कोसमर्रा, टेका, कारागला, बनियातोरा, मौलीमुड़ा, माध्यमिक स्कूल टेमरी, प्राथमिक स्कूल बकमा, मोखा, कसहीबाहरा, सोनामुंदी, चिंगरिया, खुर्शीपार, दरबेकेरा, सोनापुटी, अमेरा, साल्हेभांठा, अमावश, भोरिंग शामिल है।

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