जानकारी के अनुसार जिले में एलपीजी के 74141 सामान्य कनेक्शन हैं। वहीं प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 1 लाख 24 हजार 855 कनेक्शन बांटे जा चुके हैं। दोनों को मिलाकर एक लाख 98 हजार 996 गैस कनेक्शन जिले में दिए गए हैं। सामान्य कनेक्शनों की रिफलिंग बराबर हो रही है, क्योंकि ये अधिकांशत: शहरी इलाकों और आसपास सक्षम परिवारों के पास हैं तथा रिफलिंग के लिए ज्यादा दिक्कत नहीं है। लेकिन उज्ज्वला योजना के तहत दिए गए अधिकांश गैस चूल्हे एक बार उपयोग के बाद लगभग ठंडे पड़ गए हैं।
ग्रामीण अंचल में गैस रिफलिंग की दिक्कतें और हितग्राहियों की आर्थिक कमजोरी के साथ-साथ रसोई के ईंधन के रूप में लकड़ी की अपेक्षाकृत आसान उपलब्धता इसके प्रमुख कारण बताए जाते हैं। बड़े पैमाने पर उज्ज्वला के गैस कनेक्शन वितरण के बाद उपभोक्ताओं की दिक्कतों को देखते हुए प्रशासन ने दूरस्थ ग्रामीण अंचलों के लिए मोबाइल वैन की सुविधा शुरू की है। गैस एजेंसियों के माध्यम से यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिसके तहत रिफलिंग के लिए मोबाइल वैन दूरस्थ ग्रामीण अंचल के हाट-बाजारों में नियत तिथि को पहुंच रही हैं।
खाद्य विभाग के अफसरों का कहना है कि ऐसे साप्ताहिक हाट-बाजारों का चिह्नांकन कर रूट चार्ट तैयार किया गया है, जिसके अनुसार मोबाइल वैन रिफलिंग के लिए पहुंच रही हैं। इसके चलते उज्ज्वला के रिफलिंग प्रतिशत में सुधार हुआ है। कुछ महीने पहले तक उज्ज्वला का रिफलिंग प्रतिशत बमुश्किल 16 प्रतिशत के आसपास था, जो बढ़कर अब 33 प्रतिशत हो गया है। लेकिन 77 प्रतिशत उज्ज्वला कनेक्शनों की रिफलिंग नहीं होना, कहीं न कहीं व्यवस्था में कमी को उजागर करता है।
ये कहते हैं अधिकारी
जिला खाद्य अधिकारी अजय यादव ने बताया कि जिले के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में गैस रिफलिंग के लिए मोबाइल वैन चलाए जा रहे हैं। इसके लिए रूट चार्ट बनाए गए हैं। साप्ताहिक हाट-बाजारों के दिन रिफलिंग वैन पहुंच रही है। इसके अलावा छह स्थानों पर नए केन्द्र प्रस्तावित है।