दोनों अधिकारी साल 2015-16 में ही एक दूसरे को पढ़ाई के दौरान ही दिल दे बैठे थे। दोनों सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के लिए दिल्ली गए थे। उसी दौरान दोनों के बीच पहले दोस्ती हुई और फिर दोस्ती को रिश्ते में बदलने पर सहमति बनी।
वहीं शुक्रवार को आईपीएस अशोक महासमुंद पहुंचे और नम्रता के गले में वरमाला डाली और परिणय सूत्र में बंधे गए। दोनों ने सादे समारोह में शादी रचाई, जिसमें महासमुंद जिला प्रशासन के कुछ अफसर और करीबी रिश्तेदार ही शामिल हुए। कलेक्टर दफ्तर में ही बैंड बाजा और बारात के नजारे देखने को मिले। दोनों की शादी 2020 में मई के महीने में हो जाती, लेकिन कोविड काल के संकट की वजह से शादी रोकनी पड़ी।
महासमुंद के प्रभारी अपर कलेक्टर सुनील कुमार चंद्रवंशी ने दोनों की शादी की कार्रवाई की प्रक्रिया पूरी करवाई। इस मौक़े पर कलेक्टर डोमन सिंह, पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारीआकाश छिकारा भी मौजूद थे। सभी अधिकारियों ने वर-वधु को आशीर्वाद एवं दाम्पत्य जीवन शुरू करने की शुभकामनाएं दी।
नम्रता जैन की शुरुआती शिक्षा बस्तर, दंतेवाड़ा में ही हुई। यहां से उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद वे भिलाई चली गईं और बारहवीं वहीं से की। नम्रता की मां किरन जैन होममेकर हैं, जबकि पिता झनवरलाल जैन एक बिजनेसमैन हैं।
दंतेवाड़ा जिले की रहने वाली नम्रता जैन ने साबित कर दिया कि मुश्किल हालातों के बावजूद भी अपने सपने को पूरा किया जा सकता है। दंतेवाड़ा जैसे नक्सल प्रभावित जिले की रहने वाली नम्रता जैन को महासमुंद में पोस्टिंग मिली है और वे सरायपाली एसडीएम की जिम्मेदारी संभाल रही है। इससे पहले वह रायपुर में ट्रेनी असिस्टेंट कलेक्टर थीं।