जिस तरह से महासमुंद जिले के एकमात्र निर्दलीय विधायक डॉ. विमल चोपड़ा ने शराबबंदी को लेकर जन जागरण अभियान चला रखा है व छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) के संस्थापक अजीत जोगी ने अपनी सरकार बनने पर छत्तीसगढ़ में शराबबंदी लागू करने की घोषणा की है। जिससे यह माना जा रहा है कि आने वाले चुनाव में शराबबंदी एक चुनावी मुद्दा बन सकता है। शराब के अवैध कारोबार से बहुत बड़ा वर्ग में रोष व्याप्त है। जो इसकी लत में पडक़र बर्बाद हो रहे हैं। उनके परिजन शराबबंदी लागू करवाना चाहते हैं। समाज का बहुत बड़ा वर्ग समाज पर पढ़ रहे दुष्प्रभाव से काफी चिंतित हैं। अवैध शराब की बिक्री के चलते गांव में अराजकता का माहौल है। शराबबंदी चुनावी मुद्दा बनने से सत्ता पक्ष को भारी पड़ सकता है। चुनावी मुद्दा के साथ-साथ महुआ शराब चुनाव परिणाम को प्रभावित करने में बड़ी भूमिका निभा सकती है। वोटरों को लुभाने के लिए महुआ शराब के उपयोग से भी इनकार नहीं किया जा सकता।