वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम गिरना के घांसुराम पिता गौरागों (40) अपने साथी उत्तर रावत के साथ सुबह 7 बजे गिरना के जंगल में मशरूम लेने गया था। उसे जानकारी नहीं थी कि हाथियों का दल जंगल में विचरण कर रहा है। दोनों साथी मशरूम ढूंढने में लगे हुए थे। इसी दौरान 5 हाथी आ धमके। हाथियों के झुंड को देखकर घांसु दहशत में आ गया। इससे पहले वह भाग पाता, हाथियों ने उसे घेर लिया और उसे रौंदना शुरू कर दिया। वहीं ग्रामीण मदद के लिए चीखता रहा, लेकिन उसकी मदद के लिए कोई नहीं पहुंचा। हाथियों ने ग्रामीण को पटक-पटककर मार डाला। वहीं उसका साथी उत्तर रावत भागने में सफल रहा। सूचना मिलते ही वन विभाग का अमला घटना स्थल पहुंचा।
बताया जाता है कि दो दिन पहले ही वन विभाग ने इस क्षेत्र में ओडिशा से हाथियों की आमद की खबर मिलने के बाद गांवों में मुनादी कराकर ग्रामीणों को जंगल की ओर नहीं जाने की अपील की थी। वन विभाग द्वारा प्रकरण तैयार कर परिवार को करीब 3.75 लाख रुपए का मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी। वन परिक्षेत्र अधिकारी गंडेचा ने बताया कि वर्तमान में हाथी इस क्षेत्र से खपराखोल होते हुए बुंदेली की ओर बढ़ रहे हैं। लोगों को अलर्ट रहने को कहा गया है।
क्षेत्र में घूम रहा 5 हाथियों का दल, बढ़ी मुसीबत
पांच हाथियों के दल को 16 सितंबर को वन विभाग की टीम ने सांकरा क्षेत्र के कक्ष क्रमांक 290 ग्राम माटीदरहा, लोरम में देखा था। इसके बाद आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी कराते हुए ग्रामीणों से जंगल की ओर नहीं जाने की अपील भी की थी। ग्राम गिरना का घासुराम हाथियों के हमले का शिकार हो गया। गंडेचा ने बताया कि प्रतिवर्ष ओडिशा क्षेत्र से हाथियों का यह दल इस क्षेत्र में आता है।
हाथियों के दल को देख भागे ग्रामीण
हाथियों की दस्तक से लोगों में दहशत है। एक बार फिर बुंदेली-गिरना के जंगलों में दंतैल हाथियों ने उत्पात मचाया है। ग्रामीणों ने बताया कि पठियापाली के खार में हाथियों का दल देखा गया है। गांव में मुनादी कराकर ग्रामीणों को जंगल में जाने के लिए मना किया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सुबह-सुबह जंगल गए लोग हाथियों का दल देखकर जान बचाकर भागे। इधर, ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि हाथियों की दस्तक के बाद भी क्षेत्र के लोगों को अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। इससे ग्रामीणों में दहशत है।