आमतौर पर पानी की तरह दिखने वाले रंगहीन, गंधहीन सैनिटाइजर बाजार में मिलते हैं। संदीप चंद्राकर ने बताया कि उन्होंने डिस्टिल वाटर भी खुद तैयार किया है। डिस्टिलेशन असेंबली लगाकर वे नल के पानी के संघनन से डिस्टिल वाटर तैयार करते हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की प्रयोगशाला में उन्होंने इसकी शुद्धता की जांच भी कराई है जो मानकों के अनुरूप है।
सैनिटाइजर में अल्कोहल, ग्लिसरीन, हाइड्रोजन परॉक्साइड, डिस्टिल वॉटर, रंग और फ्रेगनेंस की मौजूदगी मानकों के अनुरूप है। अब तक करीब तीन हजार लोगों द्वारा इस सैनिटाइजर का उपयोग किया जा चुका है। इसमें अल्कोहल की 80 प्रतिशत मात्रा है, जो वायरस को नष्ट करती है।