बता दें कि इस बार 66 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य है। धान की खरीदी के लिए उपार्जन केंद्रों में बारदानों के रख-रखाव से लेकर नापतौल मशीन की मॉनिटरिंग चल रही है। प्रशासन ने धान खरीदी पर नजर रखने के लिए तगड़ी व्यवस्था की है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल धान बेचने के लिए जिले में एक लाख 1 हजार किसानों ने पंजीयन कराया था। इस वर्ष पंजीकृत किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। अभी भी पंजीयन के लिए छह दिन का समय शेष है। धान खरीदी की प्रक्रिया को लेकर प्रशिक्षण का दौर अंतिम चरण में है। वहीं आजकल में सभी उपार्जन केंद्रों में बारदाने पहुंच जाएंगे। जानकारी के मुताबिक इस वर्ष धान खरीदी का लक्ष्य पूरा हो पाना असंभव है, क्योंकि पानी की कमी से उत्पादन प्रभावित हुआ है।
अंचल में शुरू हो गई धान कटाई
धान कटाई के बाद कहीं-कहीं थ्रेसर से मिंजाई का कार्य चल रहा है। किसान-मजदूर फसल कटाई, मिंजाई के कार्य में व्यस्त हैं। खलिहान बनाने की तैयारी में जुट गए हैं। दीपावली त्योहार के बाद फसल कटाई में तेजी आएगी। हरूना धान की फसल लगाने वाले किसानों का कहना है कि धान को खलिहान व घरों में स्टॉक कर रखे हुए हैं। धान बेचने के लिए पंजीयन करा चुके हैं। अब धान बेचने के लिए किसानों को एक नवंबर का बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि किसानों को समर्थन मूल्य के साथ बोनस राशि का पेमेंट एक साथ खाते में जमा होगा।
डीएमओ सुनील राजपूत ने बताया कि धान बेचने के लिए किसानों को एक सप्ताह पहले ही टोकन लेना होगा। धान खरीदी को लेकर तैयारी भी अंतिम चरण में है।