प्रशिक्षण की कड़ी में डॉ. विजय प्रताप सिंग, जिला मलेरिया अधिकारी व डॉ. नरेन्द्र सिन्हा जिला इपिडिमियोलॉजिस्ट द्वारा डेंगू के रोकथाम और बचाव संबंधित जानकारी दी गई। उनके द्वारा बताया गया कि डेंगू एक ऐसी बीमारी कि जो मादा एडिस मच्छर के काटने से होता है। डेंगू की बीमारी मुख्यत: फ्लेवी वायरस के वजह से होती है। डेंगू के मरीज सामान्यत: जुलाई-अगस्त माह से दिसंबर माह तक अधिक होते हैं। मानसून में 16 से 30 डिग्री सेल्सियस तथा 60 से 80 वायु मंडलीय आद्र्रता में यह वायरस पनपता है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि छोटे-छोटे साफ पानी एकत्रित होने की जगह में एडिस मच्छर पनपते हैं।
मुख्यत: मादा एडिस मच्छर रुके साफ पानी, कूलर के टैंक, नारियल के खोखले डिब्बे में जमा पानी आदि में बहुत जल्दी पनपते हैं। उन्होंने बताया कि सामान्यत: डेंगू वायरस के चार प्रकार होते है । डेंगू बीमारी डेंगू से संक्रमित व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति को मादा एडिस मच्छर के काटने से होता है। मुख्यत: मादा एडिस मच्छर अपने अण्डे रुके हुए पानी पर देती है ।
अनुकूल तापमान में अधिक पनपते हैं मच्छर
प्रशिक्षकों ने बताया कि वर्षा ऋतु में अनुकूल तापमान व अनुकूल आद्र्रता होने पर मादा एडिस मच्छर अधिक पनपते है । मादा एडिस मच्छर प्राय: दिन में काटते है एवं 400 मीटर तक उड़ पाते है । प्रशिक्षण में डॉ. विपिन बिहारी अग्रवाल ने पैथालॉजी परीक्षण से जुड़े हुए महत्वपूर्ण पहलू पर प्रकाश डाला तथा प्रशिक्षण में तकनीकी बिन्दुओं पर ध्यान आकर्षित करने को कहा। प्रशिक्षण सह कार्यशाला में मुख्य रूप से अस्पताल सलाहकार डॉ. निखिल गिरी गोस्वामी, जिला कुष्ठ सलाहकार एकेश्वर प्रसाद शुक्ला, मनोरोग चिकित्सकीय समाजिक कार्यकर्ता रामगोपाल खुटे, डाटा प्रबंधक विजय भान सिंग, मलेरिया सुपरवाइजर ओकार नायक लोकेश पटेल, रूपेश साहू आदि मौजूद थे।