अगले 80 सालों तक 15 जनवरी को मनाई जाएगी मकर संक्रांति, तिथि बदलने की ये है वजह
जब स्थानीय पुलिस को इसकी सुचना मिली तो उन्होंने मूर्ति को अपने कब्जे में ले लिया और इसकी सुचना पुरातात्विक विभाग के अधिकारियों को दी। मंगलवार को संग्रहालय के अधिकारी पिथौरा थाने पहुंचे और मूर्ति की जांच की। बताया जा रहा है कि यह मूर्ति लगभग 500 साल पुरानी है। इस मूर्ति के ऊपर 5 सर्प बने हैं। जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मूर्ति दक्षिण क्षेत्र से खुदाई के दौरान मिली होगी।
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि चोरो ने यह मूर्ति इसके मूल स्थान से चुराए होगी और बेचने के लिए यहाँ लाये होंगे लेकिन जब से वो इसे बेचने असफल रहे तो जंगल में फेंक कर फरार हो गए। मूर्ति को रायपुर स्थित संग्रहालय ले जाय जाएगा जहाँ इसकी गहन जांच की जायेगी।