31 अगस्त को मजार में हुए उर्स पर हिन्दुओं समाज के लोगों की नानवेज बिरयानी के बाद हिन्दू समाज के लोगों मे आक्रोश था। गांव के ही लोगों द्वारा चरखारी कोतवाली में उर्स के आयोजनकर्ता सहित 23 नामजद 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर कराई गई थी। जिसके बाद गांव मे तनाव का माहौल था।
पुरातत्व विभाग और लेखपाल की भी जांच कराई जाए
महोबा के सालट गाँव मे बिरयानी बबाल में अब नया मोड़ आ गया है। क्षेत्रीय विधायक ब्रजभूषण राजपूत वन विभाग की रिपोर्ट से असंतुष्ट नजर आए। ब्रजभूषण राजपूत ने कहा जिस प्रकार मजार की चार दीवारी का निर्माण दो वर्ष पूर्व किया गया है उसी प्रकार वहां पर मजार भी मनगढंत है। मजार का सत्यापन होना चाहिए लेखपाल के अभिलेखों में उस जगह पर क्या दर्ज है, इन सभी बातों का सत्यापन होना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वन विभाग एक तरफ़ा काम कर रहा है,जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेना चाहिए। वन विभाग ने जो जांच कराई है उसकी सत्यापन हम ले लेगें। मजार कितने वर्ष पुरानी है इसके लिए पुरातत्व विभाग और लेखपाल की भी जांच कराई जाए तभी स्तिथि साफ़ हो जाएगी।
दो समुदाय के बीच का है यह मामला
वादी द्वारा मुकदमा वापस लेने के सवाल पर बीजेपी विधायक ने कहा वादी कोई एक व्यक्ति नहीं है। ये कोई व्यक्ति विशेष मामला नहीं है बल्कि हिन्दू धर्म से जुड़ा मामला है और अब दो समुदाय के बीच का मामला है। प्रशासन मामले में दबाब बनाकर रफा दफा करने का काम कर रहा है। मगर मेरे रहते हुए ऐसा नहीं हो पायेगा और न ये होने दिया जायेगा। जब तक इस मामले में आरोपियों की गिरफ़्तारी नहीं हो जाएगी मैं संतुष्ट नहीं हो पाऊंगा।