मामला महोबा शहर कोतवाली क्षेत्र का है, जहाँ रहने वाले स्वास्थ विभाग के चतुर्थ श्रेणी के सरकारी कर्मचारी की बेटी का सात माह पूर्व घर से जान मुहम्मद और शाहरूख ने तमंचे के बल पर अपहरण कर लिया था। साथ ही घर में रखे प्रधानमंत्री आवास योजना के 50 हजार रुपये भी चोरी कर लिए थे। इस मामले की शिकायत शहर कोतवाली में दर्ज कराई गई थी। महीनों बाद भी किशोरी का कोई सुराग नहीं लग पा रहा था। तमाम आरजू मिन्नतों के बाद भी पुलिस का दिल नहीं पसीजा । बेटी की बरामदगी को लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की चौखट पर भटकने के बाद भी न्याय मिलता नहीं दिखाई दिया। पीड़िता और पीड़िता के पिता की माने तो अपहरणकर्ताओं ने कई महीनों तक किशोरी के साथ बारी-बारी से गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया और देह व्यापार सहित देश की राजधानी सहित मध्यप्रदेश के ग्वालियर यूपी के कानपुर, झाँसी, ललितपुर जैसे महानगरों में तमंचे के बल पर देह व्यापार के गोरखधंधे में झोंक दिया। मगर कहते हैं न कि आतंक का अंत जरूर होता है। यह कहावत उस समय सही साबित हुई जब शुक्रवार देर शाम अपहरण के बाद देह व्यापार के कारोबारियों को बिना पुलिस की मदद के पीड़िता के पिता ने कहीं जाने से पहले ही दबोच पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस ने दिया बयान- इस पूरे मामले को लेकर सीओ सिटी जीतेन्द्र दुबे ने बताया की महोबा शहर कोतवाली में एक किशोरी के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है । मामले की विवेचना की जा रही है । किशोरी के मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है।