सूबे की सरकार शिक्षा को बेहतर बनाने के तमाम प्रयास कर रही है। खासकर बुंदेलखंड में छात्राओं को शिक्षा से जोडऩे पर बल दिया जा रहा है। मगर यहाँ भी शिक्षा के नाम पर छात्राओं का दोहन किया जा रहा है। मामला महोबा जिले की कुलपहाड़ तहसील स्थित एस.के. महाविद्यालय का है। जहां कुर्सी पर बैठी महिला छात्रों से रुपये वसूल रही है। ये महिला खुलेआम प्रैक्टिकल में अच्छे नंबर दिलाये जाने के नाम पर पांच पांच हजार रुपये की प्रति बच्चे से वसूली करती देखी जा रही है। महिला टीचर एक एक छात्र से पैसे लेकर उनकी एक कागज में इंट्री कर रही है। मगर इसकी कोई रसीद नहीं दें रही। इससे इतना तो साफ़ हो गया है कि वसूले जा रहे पैसे छात्रों से रिश्वत के तौर पर लिए जा रहे हैं।
इस मामले में डीएम ने संज्ञान लेते हुए बताया कि प्रबंधक द्वारा बताये अनुसार यह रुपये डी.एल.एड के छात्रों के दस्तावेजों के सत्यापन के लिए वसूले जा रहे हैं और किसी छात्र से 5 हजार रुपये नहीं बल्कि एक हजार रुपये लिए गए हैं। इसमें बड़ा सवाल यह है कि छात्रों के दस्तावेजों का सत्यापन विद्यालय या यूनिवर्सिटी गोपनीय तरीके से कराकर उनके सत्यता के आधार पर सरकार से मिलने वाली छात्रवृत्ति सहित अन्य सुविधाएं छात्रों को मुहैया कराती है और यही छात्र भविष्य में अध्यापक के पद पर तैनात होकर बच्चों को शिक्षा ग्रहण कराते हैं। फिलहाल मामले में डीएम ने जांच के उपरान्त दोषी पाए जाने पर कार्यवाही की बात कही है। इस वायरल वीडियो के सामने आने से महाविद्यालय में हड़कंप मचा हुआ है।