तो वही चरखारी बजरिया में रहने वाले दूसरे लाभार्थी राजेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2017 में उसने प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया था । जिसको लेकर मैंने दस्तावेज सबंधित कार्यालय में जमा किये थे। बाबजूद 50000 हजार की पहली किस्त के बाद आज तक दूसरी क़िस्त मेरे खाते में नही पहुंची है। प्रशासनिक अधिकारियों से तमाम शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है । उन्होंने पैसा मांगे जाने का आरोप भी विभाग पर लगाया है।
प्रधानमंत्री आवास के मामले में हाफिज सुल्तान नामक दिव्यांग के बारे में जिलाधिकारी अवधेश कुमार बताते है कि यह प्रकरण सामने आया है । एपीओ डूडा 900 व्यक्तियों डीपीआर बनकर गयी थी 364 की स्वीकृत होकर आयी थी । डीपीआर में अब 450 को शामिल किया गया है । ये मामला सामने आने पर हाफिज सुल्तान को भी शामिल किया गया है । खुद डीएम महोबा स्वीकारते है कि हाफिज का आवास नहीं बना बल्कि उनकी स्वीकृति हुई है।