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महोबा

पीएम आवास योजना बनी मजाक, वृद्ध दिव्यांग का पीएम आवास नहीं बना मगर सरकार ने भेज दिया बधाई सन्देश

जिला प्रशासन से तमाम शिकायतों के बाद भी लाभार्थी को प्रधानमंत्री आवास का लाभ नहीं मिल पा रहा है

महोबाJan 23, 2020 / 04:23 pm

Ruchi Sharma

पीएम आवास योजना बनी मजाक, वृद्ध दिव्यांग का पीएम आवास नहीं बना मगर सरकार ने भेज दिया बधाई सन्देश

पीएम आवास योजना बनी मजाक, वृद्ध दिव्यांग का पीएम आवास नहीं बना मगर सरकार ने भेज दिया बधाई सन्देश

महोबा. जिले के चरखारी में प्रधानमंत्री आवास के नाम पर लाभार्थियों का जमकर मजाक बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास के पात्र दिव्यांग लाभार्थी को बिना आवास बने ही शहरी पीएमएवाई (यू) कार्यालय से बधाई संदेश भेज दिया गया। तो वहीं दूसरे लाभार्थी को वर्ष 2017 में आवास की जारी पहली किस्त के बाद आज तक कोई भी क़िस्त नहीं मिली है। जिला प्रशासन से तमाम शिकायतों के बाद भी लाभार्थी को प्रधानमंत्री आवास का लाभ नहीं मिल पा रहा है। फिलहाल डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले में जांच के आदेश दिए है।
महोबा के चरखारी नगर के कजियाना मुहल्ले में रहने वाले हाफिज सुल्तान ने प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया था। मगर आज तक उसके आवास की जिला प्रशासन ने स्वीकृति प्रदान नहीं की है। जन्म से ही दिव्यांग हाफिज सुलतान कच्चे मकान में अपना गुजर बशर करते है। उन्होंने पीएम आवास के लिए तीन वर्ष पूर्व ऑनलाइन आवेदन किया था। कई बार सर्वे हुआ और आश्वासन भी मिला मगर आवास नहीं मिल सका, लेकिन आज अचानक पीएमएवाई कार्यालय से बधाई संदेश हाफिज सुल्तान के घर पहुंच गया। जिसे देखकर हाफिज के जुबां से एक ही बात निकल रही है कि कुदरत ने पहले ही हमारे साथ मजाक किया था बाकी काम शासन की जन कल्याणकारी योजना ने पूरी कर दी, जो उसके साथ मजाक कर रही है।

तो वही चरखारी बजरिया में रहने वाले दूसरे लाभार्थी राजेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2017 में उसने प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया था । जिसको लेकर मैंने दस्तावेज सबंधित कार्यालय में जमा किये थे। बाबजूद 50000 हजार की पहली किस्त के बाद आज तक दूसरी क़िस्त मेरे खाते में नही पहुंची है। प्रशासनिक अधिकारियों से तमाम शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है । उन्होंने पैसा मांगे जाने का आरोप भी विभाग पर लगाया है।

प्रधानमंत्री आवास के मामले में हाफिज सुल्तान नामक दिव्यांग के बारे में जिलाधिकारी अवधेश कुमार बताते है कि यह प्रकरण सामने आया है । एपीओ डूडा 900 व्यक्तियों डीपीआर बनकर गयी थी 364 की स्वीकृत होकर आयी थी । डीपीआर में अब 450 को शामिल किया गया है । ये मामला सामने आने पर हाफिज सुल्तान को भी शामिल किया गया है । खुद डीएम महोबा स्वीकारते है कि हाफिज का आवास नहीं बना बल्कि उनकी स्वीकृति हुई है।

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