नेपाल सीमा से सटे भारतीय क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर के सामने करीब आधा दर्जन मेडिकल स्टोर संचालित है। तहसील प्रशासन को शिकायत मिली थी बिना लाइसेंस के चल रहे इन मेडिकल स्टोर पर नशीली दवाओं का खूब कारोबार हो रहा है। लगातार मिल रही शिकायत के आधार पर शनिवार को नौतनवां एसडीएम प्रेमप्रकाश अजोर के साथ सीओ धर्मेन्द्र कुमार यादव ने पुलिस फोर्स के साथ दो मेडिकल स्टोर पर छापेमारी की थी। लाइसेंस व दवा का कागजात नहीं दिखाने पर दोनों मेडिकल स्टोर संचालकों को नौतनवा पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया था। और बिना कागजात मेडिकल स्टोर चलाने के आरोप और मामले की जांच तक दोनों आरोपितों को पुलिस पूरी रात थाने पर बैठए रखा गया।
मेडिकल स्टोर संचालकों पर विधिक कार्रवाई करने से पहले रविवार की सुबह डीआई अशोक कुमार के साथ प्रभारी एसओ अंशुमान यदुवंशी और एसआई राजीव कुमार मौके पर पहुंचे तो पूरा मामला ही पलट गया। मेडिकल स्टोर्स की जांच की गई तो एक मेडिकल स्टोर्स में किराने का सामान मिला। जबकि दूसरा मेडिकल स्टोर्स खाली मिला। पुलिस ने इसकी सूचना एसडीएम नौतनवां के साथ सीओ को दी। यह बात सुनकर दोनों अधिकारी भौचक हो गए। आखिर में पुलिस ने दोनों मेडिकल स्टोर्स संचालकों को छोड़ दिया गया। इसी के साथ एसडीएम और सीओ की जांच पर सवाल भी खड़े होने लगे। लोग यह कहते सुने गए कि जब मेडिकल स्टोर की जांच करनी ही थी तो अफसरों को अपने साथ ड्रग विभाग के अफसरों को भी लाना चाहिए था। वहीं कुछ लोग यह कहते सुने गए कि यह सब सिस्टम की मिलीभगत है। वहीं एसडीएम और सीओ का कहना है कि उनपर नजर रखी जा रही है। वे जल्दी ही सलाखों के पीछे होंगे।
By- यशोदा श्रीवास्तव