पीलीभीत निवासी मृतक अशोक मिश्रा के बड़े पुत्र मुनेश मिश्रा का कहना है कि स्थानीय प्रशासन ने जांच प्रक्रिया के दौरान आईपीएल चीनी मिल के आरोपियों को स्टे के लिए समय उपलब्ध कराई है।जब कि अगर स्थानीय पुलिस चाहती तो घटना वाले दिन सुसाइड नोट के आधार पर थाने में बैठे तीनो आरोपियों को गिरफ्तार कर सकती थी।
परन्तु उन्हें बाकयदा फरार होने का मौका दिया गया जब तक कि उन लोगों ने न्यायालय से स्थगन आदेश नही ले लिया।मुनेश का कहना है इस मामले में हमें बार बार गुमराह किया गया।घटना वाले दिन की भोर में मिल के गन्ना प्रबन्धक करमबीर सिंह का फोन आता है कि मेरे पिता गंभीर रूप से बीमार है और उन्हें महराजगंज आईसीयू में भर्ती कराया गया है।हम दो लोग पिता को बीमार मान कर पीलीभीत से चले और गोरखपुर में रात को 8:30 बजे पहुंच गए।परंतु आईपीएल वालों ने मिल की गाड़ी भेजने के नाम पर गोरखपुर में 10:30 बजे तक रोके रखा।
किसी ने ये बताने की कोशिश नही की कि मेरे पिता अब जीवित नही है।इस दौरान पोस्ट मार्टम भी करा लिया गया। महराजगंज पहुंचने के बाद दबाव डाल कर तहरीर लिखवाई गई जिसमें नीरज श्रीवास्तव की जगह नीरज तिवारी भूल वश लिख दिया गया था।इस भूल को मीडिया के दबाव पर सुधारा गया।उसके बाद से ही यूनिट हेड अनिल पवार,एकाउंटेंट नीरज श्रीवास्तव व बालकेश्वर तिवारी को फरार होने का मौका दे दिया गया।
बताते चलें कि 16 मई को सिसवा आईपीएल चीनी मिल प्रशासन द्वारा जबर्दस्ती सेवामुक्त किये जाने पर लैब इंचार्च अशोक मिश्रा ने सुसाइड नोट व्हाट्सएप ग्रुप पर वायरल कर अपने आवास में फांसी लगा लिया था।उन्होंने अपने सुसाइड नोट में मिल में चल रहे करोड़ो रूपये की शीरे की चोरी उच्चाधिकारियों द्वारा किये जाने और उन्हें फंसा कर नौकरी से निकलने का आरोप लगाया था। आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के धारा में आईपीएल सिसवा यूनिट हेड अनिल पवार,एकांउटेंट नीरज श्रीवास्तव व सुगर सेल्स इंचार्ज बालकेश्वर तिवारी पर आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा के तहत मुकदमा दर्ज है।
जांच में खुल सकते है कई अहम राज
आईपीएल चीनी मिल में लैब इंचार्ज अशोक मिश्रा की आत्म हत्या के मामले में अभी कई अनसुलझे सवाल हैं जो घटना को पेचीदा बना रहा है।जिस करोड़ो की शीरे की चोरी के मामले में लैब इंचार्ज को सेवामुक्त किया गया था ,उस मामले में तीन और आरोपी थे।आखिर उन पर क्यो नही कार्यवाही की गई।
मिल में चल रहे करोड़ो के शीरा चोरी का खेल में कुछ माह पहले मिल के चार लोगों पर कोठीभार थाने में केस भी दर्ज किया गया था।और उसी केस के एक आरोपी यूनिट हेड अनिल पवार के संतुति पर दिल्ली हेड ऑफिस के एच आर हेड विकास सोनक द्वारा लैब इंचार्ज को सेवामुक्त कर दिया जाना एक बड़ा सवाल है।जब कि लैब इंचार्ज के हाथ मे शीरा बिक्री करने का कोई भी पावर नही है।हैरत है कि इस मामले में थाने में दर्ज अन्य किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई कार्यवाही नही किया जाना भी मामले को संदिग्ध बना रहा है।
मिल में चल रहे करोड़ो के शीरा चोरी का खेल में कुछ माह पहले मिल के चार लोगों पर कोठीभार थाने में केस भी दर्ज किया गया था।और उसी केस के एक आरोपी यूनिट हेड अनिल पवार के संतुति पर दिल्ली हेड ऑफिस के एच आर हेड विकास सोनक द्वारा लैब इंचार्ज को सेवामुक्त कर दिया जाना एक बड़ा सवाल है।जब कि लैब इंचार्ज के हाथ मे शीरा बिक्री करने का कोई भी पावर नही है।हैरत है कि इस मामले में थाने में दर्ज अन्य किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई कार्यवाही नही किया जाना भी मामले को संदिग्ध बना रहा है।
आईपीएल मिल कर्मचारी दबाव में साधे हैं मौन
आईपीएल चीनी मिल के कर्मचारियों में अशोक मिश्रा पर हुई कार्यवाही और उनकी आत्महत्या को लेकर सहानभूति तो है पर किसी अज्ञात भय से वह मुह खोलने को तैयार नहीं है।
मिल कर्मचारियों की मानें तो अशोक मिश्रा सिसवा चीनी मिल में एक लंबे अरसे से तैनात रहे हैं पर उनके द्वारा कभी किसी मामलों में संलिप्ता चर्चा में नही रहा।उनके खिलाफ इधर एक वर्ष से साजिश रचकर उन्हें विवादों में घेरा गया।हकीकत तो जांच में ही पता चल सकता है कहीं बड़ी मछलियों द्वारा छोटी मछली को निगलने का प्रयास तो नही किया गया।
जल्द भेजी जायेगी चार्जशीट
आईपीएल लैब इंचार्ज अशोक मिश्रा के आत्महत्या के मामले में तीनो आरोपी स्थगन आदेश लेकर पुलिस के पकड़ से बाहर हैं। इस संदर्भ में विवेचक सिसवा चौकी इंचार्ज दिलीप सिंह ने बताया कि आरोपी न्यायालय से स्थगन आदेश ला चुके हैं। अब जल्द ही चार्जशीट न्यायालय में पेश की जाएगी। उसके बाद कोर्ट के अग्रिम आदेश पर कर्यवाही की जाएगी।
input यशोदा श्रीवास्तव