जिला स्तरीय इस सम्मेलन का आयोजन पुरंदरपुर स्थित जनता इंटर कॉलेज में हुआ था जहां जिले ईकाई के सभी पदाधिकारी मौजूद थे। इसके पहले संगठन के जिलाअध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा कि सरकार कहती है कि 14 वर्ष तक के बच्चों की शिक्षा मुफ्त हो लेकिन सरकारी स्कूलों में न तो शिक्षक हैं और न ही व्यवस्था। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षक प्रवंधन के उत्पीड़न से अलग परेशान हैं और बड़ी लंबी लड़ाई के बाद शिक्षकों को अधिकार हासिल हुआ था उसे बचाकर रखना बहुत जरूरी है। उन्होंने संघ की सदस्य संख्या बढ़ाने पर भी बल दिया। सम्मेलन में आगामी 21 नवंबर को लखनऊ में आयोजित शिक्षक संघ के धरने में जिले से सम्मानजनक उपस्थित पर बल दिया गया। शिक्षक विधायक से कई शिक्षकों ने अलग अलग समस्याओं के निराकरण की मांग की। प्रबंधक द्वारा सर्विस बुक न देने का आरोप लगाया तो किसी ने वेतन बाधित करने की धमकी का आरोप लगाया।
अन्य वक्ताओं ने शिक्षा के प्रति यूपी और केंद्र की सरकार पर निशाना साधा। पूर्व प्राचार्य श्रीराम सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार युवाओं को तरह तरह के सपनों दिखा रही है लेकिन यह सपना साकार कैसे हो, इसके लिए उसके पास कोई योजना ही नही है। उन्होंने कहा कि ताज्जुब है कि शिक्षा पर जितना जुमले बाजी हो रही है वह केवल जुमला ही है। प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की प्रताड़ना से लेकर मौत तक का जिक्र किया गया।
वक्ताओं ने कहा कि महंगी शिक्षा की ओर अभिवावकों का आकर्षित होना सरकारी स्कूलों के प्रति सरकार का ध्यान न दिया जाना बड़ा कारण है। सम्मेलन में कई वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए जबकि संचालन प्राचार्य विजय प्रताप ने किया। सम्मेलन में मुख्य रूप से त्रियुगी नरायन त्रिपाठी, अशोक कुमार पांडेय, विंध्याचल मिश्र, आदित्य शुक्ल, पुष्पा पांडेय आदि मौजूद रहे।