नशे से पीड़ित महिलाओं का गुस्सा मुख्यत:उन मेडिकल स्टोरों पर है जहां धड़ल्ले से दवा के नाम पर नशे की दुकानदारी हो रही है। क्राश बार्डर एंटी ड्रग आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष अनुराग मणि का कहना है सीमा के यवकों को सुनियोजित साजिश के तहत नशे के हवाले किया जा रहा है वरना मेडिकल स्टोरों पर बिक रही नशीली दवाओं की शिकायतों पर आजतक किसी मेडिकल स्टोर के खिलाफ कार्रवाई क्यों नही हुई। उन्होंने कहा पूरे भारत में नशा प्रभावित दवाओं की खपत नेपाल सीमा के मेडिकल स्टोरो पर है। हैरानी वाली बात यह है कि यहां इन दवाओं को डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना भी ग्राहको को उप्लब्ध करा दिया जाता है।
नेपाल सीमा के भारतीय इलाके में बढ़नी से लेकर ठूठीबारी तक के मेडिकल स्टोरों पर आयोडेक्स और कोरेक्श दवाओं की बिक्री अप्रत्याशित है। नशे के आदी युवक इन दवाओं का बड़े धड़ल्ले से नशे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं ये दोनों दवाएं नेपाल में बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के किसी भी कीमत पर नही मिलती। विगत कुछ माह से नवलपरासी के सीमाई क्षेत्र भुजहवा भी प्रतिवंधित दवाओं का सेवन करने वालों का सबसे सेफ जगह बन गया है। जहां भारतीय क्षेत्र लक्ष्मीपुर खुर्द के मेडिकल स्टोरों से नशीली दवाओ की सस्ती खरीददारी कर नशेड़ी युवक उसका धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। लक्ष्मीपुर से नशीली दवाएं नेपाल के कावासोती, रजहर, गैडाकोट, चितवन सहित नारायणघाट तक सप्लाई हो रही है। इसमें नेपाली युवकों की संलिप्तता सामने आई है। हैरत है कि नेपाल सीमा पर एसएसबी, क्रास बार्डर एंटी ड्रग आर्गनाइजेशन के अलावा कई स्वयं सेवी संस्थाएं नशे के विरुद्ध जागरूकता अभियान चलाती रहती रहती है बावजूद इसमें कोई कमी नही आ रही है