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शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी के गढ़ कहे जाने वाले मैनपुरी में अपनी पकड़ मजबूत करना शुरू कर दी है। इसी के तहत शिवपाल सिंह यादव ने सबसे पहले टारगेट किया यादवों के उन 52 गांव को, जिसे वनदल कहा जाता है। वनदल के नेता सुजान सिंह यादव और भूरी सिंह भट्टे वाले शिवपाल सिंह यादव के साथ आ चुके हैं। इन दोनों नेताओं के सहायोग से शिवपाल सिंह यादव ने बड़ी चाल चली है, जिसके बाद इन 52 गांव के प्रधान और बीडीसी सदस्यों ने भी लोकसभा चुनाव 2019 में शिवपाल यादव और सेक्युलर मोर्चे का साथ देने का खुलेतौर पर वायदा कर दिया है।
शिवपाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी के गढ़ कहे जाने वाले मैनपुरी में अपनी पकड़ मजबूत करना शुरू कर दी है। इसी के तहत शिवपाल सिंह यादव ने सबसे पहले टारगेट किया यादवों के उन 52 गांव को, जिसे वनदल कहा जाता है। वनदल के नेता सुजान सिंह यादव और भूरी सिंह भट्टे वाले शिवपाल सिंह यादव के साथ आ चुके हैं। इन दोनों नेताओं के सहायोग से शिवपाल सिंह यादव ने बड़ी चाल चली है, जिसके बाद इन 52 गांव के प्रधान और बीडीसी सदस्यों ने भी लोकसभा चुनाव 2019 में शिवपाल यादव और सेक्युलर मोर्चे का साथ देने का खुलेतौर पर वायदा कर दिया है।
अखिलेश को होगा बड़ा नुकसान
मैनपुरी की बात की जाये, तो यहां से समाजवादी पार्टी को हराने बेहद मुश्किल होता है। कहा जाता है कि मैनपुरी शहर से अधिक समाजवादी पार्टी का मतदाता गांव देहात में हैं और इसमें से यादवों के ये 52 गांव अहम माने जाते हैं। यदि ये गांव शिवपाल सिंह यादव के समर्थन में चले जाते हैं, तो अखिलेश यादव को मैनपुरी सीट पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
मैनपुरी की बात की जाये, तो यहां से समाजवादी पार्टी को हराने बेहद मुश्किल होता है। कहा जाता है कि मैनपुरी शहर से अधिक समाजवादी पार्टी का मतदाता गांव देहात में हैं और इसमें से यादवों के ये 52 गांव अहम माने जाते हैं। यदि ये गांव शिवपाल सिंह यादव के समर्थन में चले जाते हैं, तो अखिलेश यादव को मैनपुरी सीट पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।