आय प्रमाणपत्र के नाम पर रिश्वतखोरी पूरा मामला जनपद मैनपुरी की सदर तहसील से जुड़ा हुआ है। सदर तहसील क्षेत्र में लगने वाले थाना औंछा क्षेत्र के गांव घनश्यामपुर निवासी योगेंद्र यादव अपने क्षेत्रीय लेखपाल महेन्द्रपाल से आय व जाति प्रमाण पत्र बनवाने तहसील गया था। दोनों कागज बन भी गए लेकिन आय प्रमाणपत्र में नाम में कुछ गलती हो गई तो उस गलती को सुधारने के बदले में लेखपाल ने पीड़ित से तीन हजार रुपये की मांग की। योगेंद्र यादव द्वारा तीन हजार रुपए रिश्वत भी दे दी गई और जल्दी काम काम करने का अनुरोध किया गया। जिसके बाद पीड़ित 15 दिनों बाद पुनः अपने प्रमाणपत्र लेने गया तो लेखपाल द्वारारा प्रमाणपत्र तो दे दिए गए लेकिन उसमें नाम व पता जानबूझकर फिर गलत अंकित कर दिया गया।
प्रमाणपत्र गलत कर बार-बार मांगी रिश्वत जिस पर योगेंद्र यादव ने आपत्ति जताते हुए लेखपाल से एक बार फिर संशोधन की बात कही इस पर लेखपाल ने पुनः पीड़ित से दो हजार रुपए की मांग की। लेखपाल को एक हजार रुपये देकर चला गया जिसके बाद फिर कुछ दिनों बाद वह लेखपाल के पास आया और अपने संशोधित प्रमाणपत्रों की मांग की इस पर लेखपाल ने बकाया एक हजार रुपए दिए जाने के बाद ही काम करने की बात कही। मानसिक रूप से परेशान हो चुके योगेंद्र यादव ने बकाया एक हजार रुपए की रिश्वत देने का वीडियो मोबाइल में बना लिया। योगेंद्र का आरोप है कि वो लेखपाल की हरकतों से बहुत परेशान हो गया था मज़बूरी में उसने ये कदम उठाया है।
लेखपाल ने रिश्वत लेने की बात स्वीकार की वहीं जब इस मामले पर लेखपाल महेंद्र पाल से उसका पक्ष जाना गया तो उसने पहले तो पैसे लेने की बात से बिल्कुल ही इनकार कर दिया लेकिन जब बात को ज्यादा गहराई से पूछा तो लेखपाल ने पैसे लेने की बात को स्वीकारा किया और आगे भविष्य में दोबारा ऐसी गलती न करने की भी बात कही।