उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा सीट की बात करें तो मैनपुरी की जनसंख्या 1,847,194 है। यहां की जनसंख्या में महिला और पुरुषों के लिंगानुपात में काफी अंतर है। 1000 पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या 876 है। वहीं साक्षरता की दर 78.26 प्रतिशत है। मैनपुरी का कुल वोट 12.3 लाख है। जिसमें 35 प्रतिशत वोटर यादव है। दूसरी जातियों में 20 प्रतिशत राजपूत, चौहान, राठौर, भदौरिया शाक्य, ब्राह्मण है। अनुसूचित जाति और मुस्लिम वोटर्स का प्रतिशत भी अच्छा है। यहां चार विधानसभा सीट लगती हैं। भोगांव से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। वहीं करहल, किशनी और मैनपुरी सदर सीट पर समाजवादी पार्टी के विधायक काबिज है। राजनीति के जानकार और प्रो.पीयूष श्रीवास्तव का मानना है कि पिछले चुनावों के नतीजों पर गौर करें तो इस सीट पर मुकाबला एकतरफा ही रहा है। मुलायम सिंह हों या फिर उनके पौत्र सभी ने बड़े अंतर से भारतीय जनता पार्टी को हराया है। भारतीय जनता पार्टी यदि ये सीट जीतना चाहती है तो इस बार उसे 51 प्रतिशत वोट हासिल करने के लिए ठाकुर, शाक्य के साथ साथ एससी वोटर्स को अपने पाले में लेना होगा। तभी जाकर ये मुमकिन हो सकता है।
लोकसभा चुनाव 2014 की बात की जाए तो मोदी लहर में बहुजन समाज पार्टी खाता भी नहीं खोल सकी थी। लेकिन, समाजवादी पार्टी ने ये सीट बचाकर रखी। मुलायम सिंह यादव यहां से जीते थे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी शत्रुघ्न सिंह चौहान को हराया था। इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने ये सीट छोड़कर अपने पौत्र तेजप्रताप सिंह यादव को दी थी। तेजप्रताप सिंह यादव ने चुनाव में सभी समीकरण ध्वस्त कर दिए और 6,53,786 वोट प्राप्त किए। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी प्रेम सिंह शाक्य को हराया था। चुनावों के नतीजों को देखते हुए मैनपुरी लोकसभा सीट पर केशव प्रसाद मौर्या की कड़ी परीक्षा मानी जा रही है।