ऐसे में अगर मैनपुरी शहर की बात करें तो इसे सपा का सबसे मजबूत किला माना जाता है। यहां से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव खुद चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा से गठबंधन के बाद जिस तरह मुलायम सिंह ने इसे अपना आखिरी चुनाव बताया है, उससे इस किला और भी मजबूत हो गया है। लिहाजा यहां अब मुलायम सिंह को हराना भाजपा के लिए बहुत बड़ी चुनौती होने के साथ साथ प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 23 अप्रैल मंगलवार को मैनपुरी में मतदान होना है। ऐसे में इस सीट पर जीत के लिए भाजपा अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। सपा संरक्षक को हराने के लिए भाजपा ने बहुत बड़ा प्लान बनाया है।
मैनपुरी सीट पर अगर वोट गणित देखें तो यहां कुल 17.3 लाख वोटरों में करीब 6 लाख से ज्यादा यादव वोटर हैं। दूसरे नंबर पर लोध वोटर हैं। इनकी संख्या करीब 5 लाख है। इस बार बीजेपी ने मुलायम सिंह के मुकाबले में प्रेम सिंह शाक्य को मैदान में उतारा है। हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रेम सिंह शाक्य को मोदी लहर के बावजूद हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार बीजेपी ने फिर से उन पर दांव लगाया है। भाजपा के आलाकमान का मानना है कि बीजेपी के परंपरागत सवर्ण वोटर तो उनके साथ आएंगे ही, वहीं यादव को छोड़कर अन्य पिछड़े वर्ग के वोटरों का वोट अगर मिल जाए तो मुलायम सिंह को उनके गढ़ में शिकस्त दी जा सकती है। अन्य पिछड़े वर्ग को आकर्षित करने के लिए बीजेपी के नेता अपना पूरा जोर लगा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक सीधे लखनउ से इसकी खबर ली जा रही है। इसको लेकर हाल ही यूपी के सीएम और भाजपा के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ ने भी यहां चुनावी सभा की थी।