परिजनों ने उठाए ये सवाल
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा की मौत का कारण फांसी की वजह से दम घुटना बताया गया है। लेकिन छात्रा के परिजनों ने इस पर आपत्ति जाहिर की है। परिजनों का कहना है कि आत्महत्या के मामलों में फंदे का निशान कभी भी पीछे की तरफ नहीं आता है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा की गर्दन पर चारों और निशान होने का जिक्र किया गया है। वहीं इस तरह के मामले में कंठिका पर फ्रेक्चर होता है, लेकिन छात्रा की कंठिका पर फ्रेक्चर नहीं है। इस मामले में पुलिस का कहना है कि मृतका का पोस्टमार्टम तीन चिकित्सकों के पैनल द्वारा कराया गया। पोस्टमार्टम की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा की मौत का कारण फांसी की वजह से दम घुटना बताया गया है। लेकिन छात्रा के परिजनों ने इस पर आपत्ति जाहिर की है। परिजनों का कहना है कि आत्महत्या के मामलों में फंदे का निशान कभी भी पीछे की तरफ नहीं आता है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा की गर्दन पर चारों और निशान होने का जिक्र किया गया है। वहीं इस तरह के मामले में कंठिका पर फ्रेक्चर होता है, लेकिन छात्रा की कंठिका पर फ्रेक्चर नहीं है। इस मामले में पुलिस का कहना है कि मृतका का पोस्टमार्टम तीन चिकित्सकों के पैनल द्वारा कराया गया। पोस्टमार्टम की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई है।
मां बोली सुसाइड करने वालों में नहीं थी बेटी
मृतका की मां साधना का कहना है कि वे कुछ दिनों पहले ही बेटी से मिलकर आईं थीं। रविवार रात को उनकी बेटी से बात भी हुई थी। बातचीत के दौरान वो काफी खुश थी। उन्हें जरा सा भी महसूस नहीं हुआ कि उसे किसी तरह का तनाव है। साधना का कहना है कि उनकी बेटी की मनोदशा पूरी तरह ठीक थी, उनकी बेटी सुसाइड करने वाली मानसिकता की नहीं थी।
मृतका की मां साधना का कहना है कि वे कुछ दिनों पहले ही बेटी से मिलकर आईं थीं। रविवार रात को उनकी बेटी से बात भी हुई थी। बातचीत के दौरान वो काफी खुश थी। उन्हें जरा सा भी महसूस नहीं हुआ कि उसे किसी तरह का तनाव है। साधना का कहना है कि उनकी बेटी की मनोदशा पूरी तरह ठीक थी, उनकी बेटी सुसाइड करने वाली मानसिकता की नहीं थी।
चार के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
पीड़ित परिजनों ने इस मामले में मंगलवार को प्रधानाचार्या सुषमा सागर, वार्डन विश्ववती त्रिपाठी व दो छात्रों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। परिजनों ने इस मामले में दुष्कर्म की आशंका भी व्यक्त की है, इस कारण एफआईआर में दुष्कर्म की धारा को भी जोड़ा गया है। वहीं छात्रा को इंसाफ दिलाने के लिए अन्य छात्र भी मैदान में उतर पड़े हैं। मंगलवार को छात्रों ने विद्यालय परिसर में जमकर हंगामा किया। प्रधानाचार्या व पीटी शिक्षिका के आवास पर पथराव किया, जिससे उनके आवास की खिड़कियों के शीशे टूट गए। बाद में एसडीएम और सीओ फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और किसी तरह छात्रों को समझाकर शांत कराया।
पीड़ित परिजनों ने इस मामले में मंगलवार को प्रधानाचार्या सुषमा सागर, वार्डन विश्ववती त्रिपाठी व दो छात्रों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। परिजनों ने इस मामले में दुष्कर्म की आशंका भी व्यक्त की है, इस कारण एफआईआर में दुष्कर्म की धारा को भी जोड़ा गया है। वहीं छात्रा को इंसाफ दिलाने के लिए अन्य छात्र भी मैदान में उतर पड़े हैं। मंगलवार को छात्रों ने विद्यालय परिसर में जमकर हंगामा किया। प्रधानाचार्या व पीटी शिक्षिका के आवास पर पथराव किया, जिससे उनके आवास की खिड़कियों के शीशे टूट गए। बाद में एसडीएम और सीओ फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और किसी तरह छात्रों को समझाकर शांत कराया।
ये है पूरा मामला
मैनपुरी शहर के आगरा रोड निवासी सुभाष चंद्र पांडेय की बेटी अनुष्का पांडेय उर्फ दीक्षा भोगांव स्थित नवोदय विद्यालय में कक्षा 11 की छात्रा थी। परिजनों के अनुसार कुछ समय से उनकी बेटी विद्यालय के छात्रों द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत कर रही थी। इस बारे में परिजनों ने विद्यालय प्रशासन को भी बताया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अनुष्का हॉस्टल के हॉल में कई अन्य छात्राओं के साथ रहती थी। हॉल के बाहर एक छोटा कमरा है। बताया जा रहा है कि सोमवार सुबह 5:30 बजे पीटी की घंटी बजी तो छात्राएं मैदान में पहुंचे लगीं। लेकिन अनुष्का नहीं पहुंची। छात्राओं ने देखा तो कमरे का दरवाजा बाहर से बंद था। धक्का मारकर खोला तो कमरे में अनुष्का का शव फंदे पर लटक रहा था।
मैनपुरी शहर के आगरा रोड निवासी सुभाष चंद्र पांडेय की बेटी अनुष्का पांडेय उर्फ दीक्षा भोगांव स्थित नवोदय विद्यालय में कक्षा 11 की छात्रा थी। परिजनों के अनुसार कुछ समय से उनकी बेटी विद्यालय के छात्रों द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत कर रही थी। इस बारे में परिजनों ने विद्यालय प्रशासन को भी बताया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अनुष्का हॉस्टल के हॉल में कई अन्य छात्राओं के साथ रहती थी। हॉल के बाहर एक छोटा कमरा है। बताया जा रहा है कि सोमवार सुबह 5:30 बजे पीटी की घंटी बजी तो छात्राएं मैदान में पहुंचे लगीं। लेकिन अनुष्का नहीं पहुंची। छात्राओं ने देखा तो कमरे का दरवाजा बाहर से बंद था। धक्का मारकर खोला तो कमरे में अनुष्का का शव फंदे पर लटक रहा था।