मैनपुरी। क्या आपने कभी सुना या देखा कि जहां बच्चे पढ़ते हो वहीं पर सोते हो ? 150 बच्चों के लिए मात्र छह अध्यापक की व्यवस्था। स्कूल पर कुछ भी न लिखा हो ? स्कूल की मान्यता पांच तक हो और बच्चे पढ़ रहे हो आठवीं कक्षा तक। यह सब मौजूद है मैनपुरी जिले के भोगांव तहसील के ग्राम मंछना मेें। जहां पर खेत में बने भवन में विद्यालय का संचालन हो रहा है। जिलाधिकारी प्रदीप कुमार ने इस मामले की जांच एसडीएम को दी है।
एक हॉल में पूरा आवासीय विद्यालय मंछना का यह विद्यालय आवासीय है। यह कोई साधारण् स्कूल नहीं है। मजेदार बात यह है कि बच्चों के पढ़ने के लिए न तो कोई कमरा है और न ही बैठने के लिए कोई फर्नीचर। एक से चार कक्षा तक के मासूम बच्चे खुले में सौंच को जाते हैं। उनके लिए शौंचालय की समुचित व्यवस्था नहीं है।
जिला प्रशासन की नाक के नीचे खेल मंछना गांव जिला-मुख्यालय से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर है। आसपास के लोगों ने बताया कि यह आवासीय विद्यालय है। ज्यादातर बच्चे कक्षा चार से आठवीं के हैं। यह बात डीएम को बताई गई तो उन्होंने जांच के आदेश दिए है।
खाना मिलता है अच्छा स्कूल में पढ़ रहे गुलशन ने बताया कि स्कूल मेंं खाना अच्छा मिलता है। वहीं शाहजहांपुर के अंशुल ने बताया कि स्कूल में सुविधाएं अच्छी हैं। कोई दिक्कत नहीं है। एक ही जगह पर सोने और पढ़ने के नाम पर बच्चे कुछ नहीं बोल पाएं। छात्र राघव ने भी ऐसी प्रतिक्रिया दी है।
15 से 18 हजार रुपए सालाना इस स्कूल में एक बच्चे की फीस लगभग 15 से 18 हजार रुपए सालाना है। कक्षा पांच तक के प्रत्येक बच्चों की फीस 15 हजार सालाना है। छह से आठवीं तक के बच्चों की फीस 18 हजार रुपए सालान है। मैनपुरी जिले के अलावा भी बच्चे पढ़ने आते हैं।
patrika IMAGE CREDIT: patrika करवाएंगे जांच जिलाधिकारी मैनपुरी प्रदीप कुमार के संज्ञान में मीडिया के द्वारा लाया गया तो उन्होंने कहा कि-मामला बेहद ही संगीन है जाँच एसडीएम भोगांव को दी गयी है मौके पर भेजकर इसका स्थलीय निरीक्षण कराया जाएगा जाँच में अधिकारियों की मिलीभगत अगर सामने आती है तो कार्यवाही अवश्य की जाएगी।
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