अपने इस अभियान पर एसपी झा कहते हैं, पाठा की पाठशाला कार्यक्रम से बच्चों के मन में पुलिस के प्रति जो डर और गलत मानसिकता समाई हुई है, उसे खत्म कर ही दस्यु समस्या का हल निकाला जा सकता है। ये बच्चे जब स्कूल जाएंगे और शिक्षित होंगे, तब खुद-ब-खुद अपनी तकदीर लिखेंगे। एसपी के इस अभियान से पुलिस को देख कर भागने वाले वनवासी भी खुश हैं। उन्हें भी लगने लगा है कि वर्दी में भी नेक ‘इंसान’ छिपा होता है, जो उनकी पीढ़ी को खौफ और दहशत से उबारना चाहता है।