अधिकतर कंपनियों में आज भी पारंपरिक परफॉर्मेंस इवेल्यूएशन सिस्टम को काम में लिया जाता है। इसमें साल में एक रिव्यू मीटिंग होती है और उसी के आधार पर एम्प्लॉइज के परफॉर्मेंस को आंका जाता है। हालांकि, समय के साथ ही आपको इस इवेल्यूएशन सिस्टम में बदलाव कर उसे प्रभावी बनाने की जरूरत होती है।
अपनी कंपनी के मौजूदा इवेल्यूएशन सिस्टम को बेहतर करने के लिए आपको उसका रिव्यू करना होता है। आपको पता करना होता है कि मौजूदा सिस्टम में क्या कमियां हैं और आप उन्हें दूर करने के लिए क्या कर सकते हैं। मौजूदा सिस्टम का रिव्यू करने के बाद ही आप अपने नए परफॉर्मेंस इवेल्यूएशन सिस्टम को प्रभावी और बेहतर बना सकते हैं।
नए परफॉर्मेंस इवेल्यूएशन सिस्टम को लागू करने से पहले आपको अपने एम्प्लॉइज को उसके बारे में बताना होता है ताकि वह उसका एक हिस्सा बन सकें। आपको उनका फीडबैक भी लेना होता है। इसके साथ ही आपको नए सिस्टम के बारे में दिशा-निर्देश भी तय करने होते हैं ताकि उस नए सिस्टम को प्रभावशाली तरीके से लागू किया जा सके।
ऑफिस में नया परफॉर्मेंस इवेल्यूएशन सिस्टम लागू करने के बाद आपको निर्धारित समय-सीमा में उसका आकलन जरूर करना चाहिए। इससे आपको यह पता चलेगा कि क्या आपके उस सिस्टम में खामियां हैं। अगर आपको उसमें कमियां मिलती हैं तो आप समय रहते उन्हें दूर कर अपने नए इवेल्यूएशन सिस्टम में सुधार कर उसे बेहतर बना सकते हैं।