12वीं पास के लिए ये हैं शानदार कॅरियर ऑप्शन्स, कमा सकते हैं लाखों महीने
इसके लिए आपके पास न्यूनतम योग्यता 12वीं कक्षा पास होना अनिवार्य है। कला संकाय में लैंग्वेज कोर्स के तहत विभिन्न भाषा में ग्रेजुएशन और ऑनर्स कर सकते हैं।

इन दिनों राज्यों, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाषा की अलग पहचान होती जा रही है। भाषा की वजह से अब लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। यही वजह है कि स्कूलों के अलावा कॉलेजों, संस्थानों, कार्यालयों और यूनिवर्सिटी आदि में भी भाषा विशेषज्ञ यानी लैंग्वेज एक्सपर्ट की मांग में इजाफा देखा जा रहा है। ऐसे में जिनकी पकड़ विशेष भाषा पर मजबूत होती है उनके लिए कॅरियर के अनेक विकल्प मौजूद हैं। जानें इस क्षेत्र के बारे में -
कोर्स व आवश्यक योग्यता
किसी भी भाषा के एक्सपर्ट के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आपके पास न्यूनतम योग्यता 12वीं कक्षा पास होना अनिवार्य है। कला संकाय में लैंग्वेज कोर्स के तहत विभिन्न भाषा में ग्रेजुएशन और ऑनर्स कर सकते हैं। विदेशी भाषा में भी संबंधित योग्यता प्राप्त की जा सकती है। कोर्सेज की बात करें तो इस फील्ड में सर्टिफिकेट कोर्स के अलावा डिप्लोमा, शॉर्ट टर्म कोर्स, डिस्टेंस लर्निंग कोर्स आदि कर किसी भी लैंग्वेज के एक्सपर्ट बन सकते हैं। ग्रेजुएशन के अलावा पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री भी हासिल की जा सकती है।
कॅरियर के विकल्प
टूरिज्म, एम्बेसीज, डिप्लोमेटिक सर्विस, पब्लिक रिलेशंस, मास कम्युनिकेशन, पब्लिशिंग, इंटरप्रिटेशन आदि के क्षेत्र हैं। यहां ऑनलाइन कंटेंट राइटर, टेक्नीकल ट्रांसलेटर या डीकोडर, ट्रांसलेटर, प्रूफ रीडर, पब्लिशिंग आदि पदों पर कार्य किए जा सकते हैं। कई कॉर्पोरेट ऑफिसेज में फ्रेंच, जर्मन, रशियन, चाइनीज, जापानी, स्पेनिश, कोरियन, पुर्तगीज के जानकारों को भी नियुक्त किया जाता है। फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ), यूनाइटेड नेशंस ऑर्गेनाइजेशन (यूएनओ) में भी मौका मिल सकता है ।
सैलेरी पैकेज
विभिन्न विदेशी और प्रादेशिक भाषाओं के जानकारों की सैलेरी उनके काम और संस्थान पर निर्भर करता है। वहीं किसी कॉर्पोरेट कंपनी के पीआर या अन्य पद पर कार्य करने पर 30 से 50 हजार रुपए तक मिलते हैं। शिक्षण क्षेत्र में 15 से 25 हजार और इंटरप्रिटर के रूप में प्रति घंटा दो से चार हजार रुपए कमाए जा सकते हैं। घर बैठे ट्रांसलेटर का काम कर प्रति लेख के अनुसार पैसा मिल जाता है।
इन भाषाओं की बढ़ रही है डिमांड
फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन, इटेलियन, लेटिन अमरीकन, पुर्तगीज, इंग्लिश, पर्शियन, संस्कृत, उर्दू, मराठी, नेपाली, तेलुगू, मंदारिन (चीनी) समेत आदि भाषाओं की डिमांड बढ़ गई है।
यहां से ले सकते हैं शिक्षा
(1) स्कूल ऑफ फॉरेन लैंग्वेज, नई दिल्ली
(2) डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेन लैंग्वेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी
(3) बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी
Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें (Hindi News App) Get all latest Management Mantra News in Hindi from Politics, Crime, Entertainment, Sports, Technology, Education, Health, Astrology and more News in Hindi