इंडिया में कोई भी यंग एंटरप्रेन्योर वीकली 80 घंटे काम करता है। ऐसे में उसके लिए प्रमुख चुनौती कुछ नया सीखने के लिए टाइम निकालने की है। एंटरप्रेन्योर वर्क प्रायोरिटी के आधार पर वर्क मैनेज करे तो वह कुछ समय अवश्य निकाल सकता है। नई स्किल के लिए एंटरप्रेन्योर वीकली या फिर मंथ में एक या दो बार भी अपने शेड्यूल में से समय निकाल सकता है। इससे पूर्व एंटरप्रेन्योर को एक व्यवस्थित वर्क शेड्यूल की आवश्यकता होगी, जिससे कि वह टाइम को सही से मैनेज कर पाए।
स्किल के सलेक्शन में उसकी उपलब्धता पर अधिक ध्यान दें। इसके लिए आप किसी एजुकेशनल या बिजेनस एक्सपर्ट की मदद लें। यदि आप टाइम को अच्छे से मैनेज नहीं कर पा रहे हैं तो ऑनलाइन पैटर्न का सलेक्शन करें। अकाउंट, मैनेजमेंट या अन्य किसी भी स्किल को सीखने से पहले उसके बारे में जानकारी जुटा लें। इसमें प्रमुख रूप से उस कोर्स का मॉड्यूल, एक्सपर्ट और टाइम से संबंधित जानकारी हो। कोर्स में ऑनलाइन वीडियो क्लास का ऑप्शन हो तो बेहतर होगा।
अमरीकन यूनिवर्सिटी के सर्वे के अनुसार किसी नई स्किल का सलेक्शन करना अत्यन्त चुनौतीपूर्ण है। एक्सपर्ट के अनुसार एंटरप्रेन्योर को नई स्क्ल्सि का सलेक्शन अपने इंटरेस्ट के अनुसार करना चाहिए। उन्हें सलेक्शन केवल यह सोचकर नहीं करना चाहिए कि वह स्किल्स तुरंत काम आएगी। बिजनेस से संबंधित किसी भी स्किल्स की जरूरत कभी भी हो सकती है। उस स्किल्स को प्रॉयोरिटी लिस्ट में सम्मिलित करना चाहिए, जिसमें प्रेक्टिक्ल नॉलेज का भी पार्ट हो।