scriptपति से तंग आ छोड़ा था घर, अब 100 परिवारों का भर रहीं पेट | Left home due to husband, now looking after 100 women | Patrika News
मैनेजमेंट मंत्र

पति से तंग आ छोड़ा था घर, अब 100 परिवारों का भर रहीं पेट

हालात कितने भी बुरे क्यों न हों, अगर धैर्य बना रहे तो मुश्किलें आसान हो जाती हैं। मुंबई की प्रीति उपाध्याय के दांपत्य जीवन में भी काफी मुश्किलें आईं, लेकिन धैर्य और लगन की बदौलत आज सैकड़ों परिवारों का सहारा बन गई हैं।

जयपुरDec 13, 2018 / 05:11 pm

जमील खान

Priti

Priti

हालात कितने भी बुरे क्यों न हों, अगर धैर्य बना रहे तो मुश्किलें आसान हो जाती हैं। मुंबई की प्रीति उपाध्याय के दांपत्य जीवन में भी काफी मुश्किलें आईं, लेकिन धैर्य और लगन की बदौलत आज सैकड़ों परिवारों का सहारा बन गई हैं। प्रीति आज 100 परिवारों का राशन जुटाने में मदद करती हैं। इन घरों में कोई कमाने वाला नहीं है। कच्छ (गुजरात ) के एक गरीब परिवार में जन्मीं प्रीति कम पढ़ी-लिखी हैं। मात्र 14 साल की उम्र में शादी करने के बाद वह पति के साथ मुंबई की झोपड़पट्टी में रहने लगीं। पति अपनी गरीबी का गुस्सा उन्हीं पर उतारता था। इस बीच प्रीति ने दो बेटियों और एक बेटे को जन्म दिया। पति की पिटाई से तंग आकर उन्होंने घर छोड़ दिया और घरों में झाड़ू-पोंछा कर अपने बच्चों को पालने लगीं।

500 स्कूली बच्चों को भोजन दे रहीं
प्रीति ने लोगों की मदद के लिए ट्रस्ट बनाया। फंड जुटाकर महिलाओं को प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाया। प्रीति ने भारत पेट्रोलियम की गैस चेक करने के काम में 30 महिलाओं को लगाया है। इसी तरह एक जैन संस्था के साथ मिलकर वे 500 स्कूली बच्चों को भोजन दे रहीं हैं।

गरीब बच्चों पर खर्च करती हैं अपनी कमाई
प्रीति 30 हजार रुपए मासिक कमाती हैं। इसे जरूरतमंदों की सेवा में खर्च कर देती हैं। प्रीति कहती हैं, पहले मैं लोगों की आर्थिक मदद नहीं कर सकती थी, क्योंकि खुद गरीब थी। अब बेटा घर चलाने में सक्षम है तो मैं अपनी कमाई झोपड़ों में पलने वाले बच्चों की सेवा में लगाती हूं।

पीडि़त महिलाओं में आत्मविश्वास जगाया
प्रीति ने धीरे-धीरे घरों में खाना बनाना भी शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने पति से पिट रहीं महिलाओं को इसका विरोध करना सिखाया। उन्होंने हजारों महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाया। तीन वर्ष बाद पति को अपनी गलती का एहसास हुआ तो वह प्रीति को वापस घर ले गया। बाद में प्रीति कपड़े की सेल्समैन बनीं। उन्होंने साबुन, शैंपू, अगरबत्ती और मोमबत्ती बनाना सीखा और उसे दूसरी जरूरतमंद महिलाओं को भी सिखाया। इससे उनमें आत्मविश्वास जागा।

 

अरुण लाल

Home / Education News / Management Mantra / पति से तंग आ छोड़ा था घर, अब 100 परिवारों का भर रहीं पेट

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो