भारतीय मूल की अरबपति 57 वर्षीय जयश्री उल्लाल के जीवन के तीन मूल मंत्र हैं। इनमें अपनी कमियों को दूर कर अच्छाइयों को आगे ले जाना, खुद के लिए रास्ता बनाना और सबको बराबर महत्त्व देना है। वे कहती हैं कि लोगों को कुछ नया करते हुए शर्म नहीं करनी चाहिए। हमेशा नया करने से कामयाबी मिलती है। मैं भी ऐसा ही करती हूं। हमेशा इनोवेशन पर फोकस करती हूं। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप पीछे रह जाएंगे। हाल ही फोब्र्स मैग्जीन की ओर से जारी अमरीका की 60 सबसे अमीर महिलाओं की सूची में जयश्री को 18वां स्थान मिला है। इनकी कुल संपत्ति करीब 97 अरब रुपए (1.42 बिलियन डॉलर) है। बात दें कि जयश्री को यह मुकाम पारिवारिक विरासत से नहीं मिला है बल्कि इनकी कड़ी मेहनत का फल है।
वे कम्प्यूटर नेटवर्किंग कंपनी एरिस्ता की अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी हैं। एरिस्ता में इनकी ५ फीसदी हिस्सेदारी है। जयश्री लंदन में जन्मी और दिल्ली में पली-बढ़ी हैं। वे स्कूलिंग के बाद आगे की पढ़ाई के लिए अमरीका चली गईं। वहां इन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीएस और सेंट कालारा यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट से मास्टर्स की हैं। इसके बाद वे कई कंपनियों में सीनियर पदों पर काम करते हुए वर्ष 2008 में एरिस्ता नेटवर्क की सीईओ बनीं। जब वे एरिस्ता ज्वॉइन की तो कंपनी की स्थिति खराब थी। इस कंपनी की शुरुआत करीब 1.37 लाख रुपए (दो हजार डॉलर) रुपए से हुई थी लेकिन इनके ज्वाइन करने के बाद से कंपनी तेजी से बढऩे लगी।
2014 में इस कंपनी को न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेज से आइपीओ मिला और कंपनी के शेयर बाजार में आने से कंपनी तेजी से बढऩे लगी। वर्ष 2017 में इसको 110 अरब रुपए का मुनाफा हुआ था। कंपनी में २३ हजार कर्मचारी हैं। इनमें 80 फीसदी भारतीय हैं। जयश्री को 10 से अधिक अंतरराष्ट्रीय अवॉड्र्स भी मिल चुके हैं। वे वर्ष 2005 में विश्व के 50 प्रभावशाली लोगों और वर्ष 2018 में वल्र्ड बेस्ट सीईओ की सूची में शामिल हो चुकी हैं। वे कहती हैं अप्लायड साइंस को महत्त्व देना चाहिए ताकि आम आदमी को फायदा हो। लोगों को कुछ नया करते हुए शर्म नहीं करनी चाहिए। हमेशा नया करने से कामयाबी मिलती है। मैं भी ऐसा ही करती हूं। हमेशा इनोवेशन पर फोकस करती हूं। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप पीछे रह जाएंगे।