उन्होंने अपने सिने करियर की शुरुआत वर्ष 1973 में बतौर बाल कलाकार अपने चाचा नासिर हुसैन के बैनर तले बनी फिल्म ‘यादों की बारात’ से की। बाद में उन्होंने वर्ष 1974 में प्रदर्शित फिल्म ‘मदहोश’ में भी बतौर बाल कलाकार काम किया। इसके बाद उन्होंने लगभग 11 वर्षों तक फिल्म इंडस्ट्री से किनारा कर लिया। वर्ष 1984 में प्रदर्शित फिल्म ‘होली’ से उनहोंने बतौर अभिनेता सिने करियर की शुरुआत की। लेकिन, वह दर्शकों के बीच अपनी पहचान बनाने में असफल रहे। लगभग चार वर्ष तक मायानगरी मुंबई में संघर्ष करने के बाद 1988 में अपने चाचा नासिर हुसैन के बैनर तले बनी फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ की सफलता के बाद आमिर बतौर अभिनेता फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए उन्हें उस वर्ष नवोदित अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार प्राप्त हुआ।
वर्ष 1994 में राजकुमार संतोषी निर्देशित फिल्म ‘अंदाज अपना अपना’ में आमिर खान के अभिनय का नया रंग देखने को मिला। इस फिल्म के पहले उनके बारे में यह बात की जाती थी कि वह केवल रूमानी भूमिका ही निभा सकते हैं, लेकिन उन्होंने अभिनेता सलमान खान के साथ अपने हास्य अभिनय से दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया। फिल्म में अपने बेहतरीन अभिनय के लिए वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्म फेयर पुरस्कार के लिए नामांकित भी किए गए।
पहली बार शराब पीकर किया अभिनय
वर्ष 1994 में ही प्रदर्शित फिल्म ‘बाजी’ में उनके अभिनय का नया रूप देखने को मिला। रोचक बात है कि इस फिल्म के एक गाने में उन्होंने एक लड़की की भूमिका निभाई और इसके लिए उन्होंने अपने पूरे शरीर पर वैक्सिन का इस्तेमाल किया। वर्ष 1996 में उनके सिने करियर की एक और महत्वपूर्ण फिल्म ‘राजा हिंदुस्तानी’ प्रदर्शित हुई। इस फिल्म में उन्होंने अपने दमदार अभिनय से एक बार फिर से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। इस फिल्म से जुड़ा एक रोचक तथ्य यह है कि फिल्म में एक गाने के दौरान आमिर को नशे में अभिनय करना था और आमिर ने व्यक्तिगत जिंदगी में कभी शराब नहीं पी थी। फिल्म में शराबी के किरदार को रूपहले पर्दे पर वास्तविक तौर पर पेश करने लिए आमिर ने अपनी जिंदगी में पहली बार शराब का सेवन किया और अभिनय किया।
ऑस्कर के लिए नामांकित हुई लगान
वर्ष 1998 में आमिर खान के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म ‘गुलाम’ प्रदर्शित हुई। इस फिल्म से जुड़ा एक रोचक तथ्य यह है कि फिल्म के एक दृश्य के दौरान आमिर को ट्रेन की विपरीत दिशा में दौड़ लगानी होती है और फिल्म के दृश्य को चैलेंज के रूप में लेते हुए मौत की परवाह किए बिना वह ट्रेन के सामने आने से भी नहीं हिचके और दर्शकों को रोमांचित कर दिया। वर्ष 2001 में उन्होंने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रख दिया। आमिर खान प्रोडक्शन के बैनर तले उन्होंने फिल्म ‘लगान’ का निर्माण किया। इस फिल्म में आमिर ने एक ऐसे ग्रामीण युवक भुवन की भूमिका में थे जो अंग्रेजो को लगान देने से इनकार कर देता है और उन्हें उनके पसंदीदा खेल क्रिकेट में हराने का चैलेंज दे देता है। बाद में युवक ग्रामीणों के सहयोग से न किक्रेट मैच में विजयी होता है, साथ ही ग्रामीणों का लगान भी माफ कराता है। ग्रामीण पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म न सिर्फ टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई। साथ ही इसे प्रतिष्ठित ऑस्कर में इसे विदेशी फिल्म की श्रेणी में भी नांमाकित किया गया, लेकिन दुर्भाग्य से इस फिल्म को पुरस्कार नहीं प्राप्त हुआ।
फिल्म का निर्देशन भी किया
वर्ष 2001 के बाद आमिर खान ने लगभग चार वर्ष तक फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बनाई रखी। वर्ष 2005 में आमिर ने ‘मंगल पांडे’ से एक बार फिर से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। इस फिल्म से जुड़ा रोचक तथ्य यह है कि फिल्म के किरदार मंगल पांडे को ज्यादा रीयल दिखाने के लिए आमिर ने अपने चेहरे पर मूंछे भी उगाई। वर्ष 2007 में उन्होंने फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रख दिया और ‘तारे जमीन पर’ का निर्माण और निर्देशन किया। इस फिल्म में आमिर ने अपने सधे हुए निर्देशन से फिल्म को सुपरहिट बना दिया।
वर्ष 2008 में अपने भांजे इमरान खान को रूपहले पर्दे पर लांच करने के लिए उन्होंने ‘जाने तू या जाने ना’ का निर्माण किया। वर्ष 2008 में आमिर के सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म ‘गजनी’ प्रदर्शित हुई। इस फिल्म में उनके अभिनय के नए आयाम देखने को मिले। फिल्म से जुड़ा रोचक तथ्य है कि इस फिल्म के किरदार को निभाने के लिए आमिर ने अपने शरीर पर कड़ी मेहनत की और सिक्स पैक ऐब बनाया जो सिने दर्शकों को काफी पसंद भी आया।
मिल चुका है पद्मश्री और पद्मभूषण
वर्ष 2009 में उनके सिने करियर की एक और सुपरहिट फिल्म ‘थ्री इडियटस’ प्रदर्शित हुई। फिल्म ने टिकट खिड़की पर 202 करोड़ रुपए की शानदार कमाई की। थ्री इडियटस 200 करोड़ कमाने वाली पहली फिल्म थी। आमिर के सिने करियर में उनकी जोड़ी अभिनेत्री जूही चावला के साथ काफी पसंद की गई। आमिर अपने सिने कैरियर में सात बार फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं। उनको पद्मश्री और पद्मभूषण से भी अलंकृत किया जा चुका है।
आमिर खान ने कई फिल्मों मे अपने पाश्र्वगायन से भी श्रोताओं को अपना दीवाना बनाया है। उन्होंने सबसे पहले वर्ष 1998 में प्रदर्शित फिल्म गुलाम में ‘आती क्या खंडाला’ गीत गाया था। इसके बाद इस गीत के सफल होने के बाद आमिर खान ने ‘देखो 2000 जमाना आ गया,’होली रे’,’चंदा चमके चमचम’, ‘रंग दे बम बम बोले’ जैसे सुपरहिट गाने गाए हैं। वर्ष
2013 में उनके कॅरियर की सर्वाधिक सुपरहिट फिल्म ‘धूम 3’ प्रदर्शित हुई। धूम 3 ने टिकट खिड़की पर 280 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई कर धूम मचा दी। वर्ष 2014 में आमिर खान की फिल्म ‘पीके’ प्रदर्शित हुई। पीके ने टिकट खिड़की पर 340 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई कर नया इतिहास रच दिया है।
वर्ष 2016 में उनके करियर की सर्वाधिक सुपरहिट फिल्म ‘दंगल’ प्रदर्शित हुई। नितेश तिवारी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में आमिर खान एक पहलवान के किरदार में नजर आए। यह फिल्म हरियाणा के पहलवान महावीर सिंह फोगट की जिंदगी पर आधारित है, जिन्होंने काफी विरोध के बावजूद अपनी दोनों बेटियों को रेसलिंग के क्षेत्र में उतारा। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर करीब 390 करोड़ रुपए की शानदार कमाई की है। वर्ष 2017 में उन्होंने ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ का निर्माण किया। फिल्म टिकट खिड़की पर हिट साबित हुई है। आमिर की फिल्म ठग्स ऑफ हिंदोस्तान पिछले साल प्रदर्शित हुई, लेकिन फिल्म को अपेक्षित सफलता नहीं मिली।