अगर आपको पढऩा आता है और आप फिर भी नहीं पढ़ते हैं तो आप में और निरक्षर में कोई अंतर नहीं है। किताबें बहुत सारे अनुभवों और अध्ययन के बाद लिखी जाती हैं। पढ़ा-लिखा होने के बाद भी यदि हम सबसे कीमती खजाने यानी किताबों को इग्नोर करते हैं तो यह हमारा दुर्भाग्य है। हम जान-बूझकर उस खजाने को ठुकरा रहे हैं।
जब बात किताबों के अध्ययन की हो रही है तो यह हमारे स्कूली और कॉलेज की किताबों की नहीं है। यहां पर उन किताबों की बात हो रही है, जो अलग-अलग क्षेत्रों, व्यक्तियों, अनुभवों, विज्ञान, तरीकों, दक्षताओं और इतिहास पर लिखी गई हैं। इन सबके अध्ययन से ने केवल व्यक्तिगत सफलता को पाया जा सकता है, बल्कि एक नए समाज व देश के निर्माण में भी इनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहता है। आपको हर तरह की पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए। आप जिस फील्ड में मास्टरी हासिल करना चाहते हैं, उससे जुड़ी किताबें भी जरूर पढ़ें।
स्वामी विवेकानंद ने भारतीय संस्कृति व धर्म का काफी गहन अध्ययन किया था। तभी तो वह बहुत प्रभावकारी तरीके से पूरी दुनिया के सामने अपनी बात रख पाए। महान वैज्ञानिक व पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी बहुत अध्ययन करते थे। उन्होंने खुद भी कई अच्छी किताबें लिखीं। हालांकि यहां पर यह भी महत्त्वपूर्ण है कि हमने जो पढ़ा है, उसको अपने जीवन में किसी न किसी रूप में ढालना है।