मंडला. जिले भर में बाल श्रम पर रोक लगाने के लिए प्रशासनिक कवायद शुरु की जा चुकी है। बाल, कुमार श्रमिकों की पहचान विमुक्ति एवं पुनर्वास के लिए जिले में टास्क फोर्स का गठन किया जाना है। इसके लिए जिले के आला अधिकारियों ने बैठक बुलवाई और टास्क फोर्स के गठन के लिए संबंधितों को निर्देशित किया गया। बताया गया है कि इस फोर्स का गठन विकासखंड स्तर पर होगा। बाल श्रम की शिकायत पेंसिल पोर्टल में की जा सकेगी। फोर्स में अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व की अध्यक्षता में अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, नगर पालिका अधिकारी, सामाजिक न्याय विभाग, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, श्रम निरीक्षक, पदेयन सचिव, खण्ड परियोजना समन्वयक, खण्ड स्तरीय आदिम जाति, पिछड़ा, अल्पसंख्यक अधिकारी खण्ड स्तरीय उद्योग निरीक्षक, खण्ड स्तरीय खनिज निरीक्षक, खण्ड स्तरीय समन्वय, चाईल्ड लाईन, खण्ड स्तरीय सदस्य बाल कल्याण समिति, खण्ड स्तरीय लीड बैंक अधिकारी एक सदस्य स्वयंसेवी संस्था का सदस्य शामिल किए जाएंगे। बैठक में टास्क फोर्स के सदस्य के रूप में पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, मुख्य नपा अधिकारी नगरपालिका परिषद, संयुक्त संचालक, सामाजिक न्याय, जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, महाप्रबंधक जिला उद्योग, जिला खनिज अधिकारी, प्रबंधक लीड बैंक, के साथ अन्य सदस्यों की उपस्थित रहे। इस
कार्य में जन अभियान परिषद के सदस्यों को भी जोड़ा जाएगा।
48 घंटे में करना होगा शिकायत का निस्तारणकोई भी व्यक्ति बाल, कुमार श्रमिक लगाने की सूचना केन्द्र शासन के पेंसिल पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा सकता है। जिसका निराकरण नोडल अधिकारी, 48 घंटे के अंदर करने के लिए निर्देशित किए गए हैं। चाइल्ड लाइन की हेल्पलाइन नम्बर 1098 एवं श्रम पदाधिकारी कार्यालय के नियंत्रण कक्ष 254130 में भी संपर्क किया जा सकता है। बाल, कुमार श्रमिक पाये जाने पर उनकी सूची तैयार करने के लिए निर्देशित किया गया। सूची अनुसार इनके माता-पिता को
रोजगार मुहैया करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी को कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया है कि 30 दिवस से ज्यादा अनुपस्थित बच्चों की जानकारी, पलायन बच्चों की जानकारी का सर्वेक्षण कराया जाए और उनके लिए छात्रावासों में रहने, खाने की व्यवस्था एवं शिक्षा की व्यवस्था की जाए।
ये है प्रावधानबाल, कुमार श्रमिकों की रोकथाम एवं सामान्य जनों में जागरूकता पैदा करने के लिए पोस्टर पम्पलेट छपवाया जाएगा और सार्वजनिक स्थलों में चस्पा होगा। बाल, कुमार श्रमिकों की रोकथाम के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएंगे। गौरतलब है कि बाल, कुमार श्रमिकों को नियोजित करने पर ऐसे मालिकों को रूपये 20 हजार से 50 हजार तक के अर्थदण्ड से दण्डित करने तथा 6 माह से 2 वर्ष तक की कारावास की सजा अथवा दोनों एक साथ दण्डित किये जाने का प्रावधान है।
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