आलम यह है कि पेट संबंधित समस्या लेकर जाने वाले मरीजों की जांच ही जिला अस्पताल में पूरी नहीं हो रही है। मजबूरी में निजी चिकित्सकों व निजी सेंटर में जाकर सोनोग्राफी करानी पड़ रही है। बताया गया कि अभी रिकार्ड में मंडला में एक रेडियोलॉजिस्ट का पद भरा है, जिसके कारण मंडला को प्राथमिकता नहीं मिल रही है। जानकारी के अनुसार 300 बिस्तरीय जिला अस्पताल में मंडला के साथ ही बालाघाट, डिंडोरी के मरीज भी उपचार के लिए पहुंचते हैं। लेकिन दूर-दूर से आने वाले मरीजों को ना ही विशेषज्ञ चिकित्सक मिल पा रहे हैं ना ही महंगे-महंगे उपकरणों से जांच ही हो पा रही हैं। जांच के लिए गरीबों को भटकना पड़ रहा है। जिला अस्पताल के मेटरनिटी विंग में सोनोग्राफी मशीन स्थापित है, इस मशीन से स्त्री रोग विशेषज्ञ इलाज के लिए जांच करती है। लेकिन पेट संबंधी मरीजों को जांच के लिए मेडिकल या अन्य स्थानो में जाना पड़ रहा है।