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मंडला

स्टाफ की कमी से वापस लौट रहे दिव्यांग, योजनाओं से वंचित

बिना अधिकारी, कर्मचारी के जिला हस्तक्षेप केन्द्र, 14 पद स्वीकृत, काम कर रहे सिर्फ तीन

मंडलाOct 26, 2021 / 08:10 am

Mangal Singh Thakur

स्टाफ की कमी से वापस लौट रहे दिव्यांग, योजनाओं से वंचित

स्टाफ की कमी से वापस लौट रहे दिव्यांग, योजनाओं से वंचित

स्टाफ की कमी से वापस लौट रहे दिव्यांग, योजनाओं से वंचित
मंडला. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत ऐसे 30 मुख्य तरह की बीमारियों को शामिल किया गया हैं। जिससे पीडि़त बच्चे का उपचार किया जा सके। इनमें अधिकांश बीमारियां किसी न किसी दिव्यांगता से संबंधित है जो आज भी ग्रामीण इलाके और पिछड़े क्षेत्रों के बच्चों में पाई जा रही है। आदिवासी बहुल्य अंचल के दिव्यांग बच्चों को बीमारी से मुक्ति दिलाई जा सके, इसके लिए जिला अस्पताल में शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र की स्थापना तो कर दी गई लेकिन यहां बच्चों के उपचार के लिए जो 14 पद स्वीकृत किए गए हैं उनमें से 11 पद अभी तक खाली हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस केंद्र से दिव्यांग बच्चों को किस तरह से उपचार दिया जा रहा है।
साइकोलॉजिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट ना होने से परेशान होते है दिव्यांग :
जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र में प्रति सप्ताह उपचार के लिए दिव्यायंग बच्चे डीईआईसी सेेंटर पहुुंचते है लेकिन यहां साइकोलॉजिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट ना होनेे के कारण इन बच्चों को जबलपुर मेडिकल कॉलेज भेज दिया जाता है। जिससे इन्हें योजना का लाभ मिल सक। लेकिन कुछ बच्चे आर्थिक परेेशानी के कारण मुख्यालय से ही वापस लौट जाते है और उपचार से वंचित रह जाते हे। मांग की गई है कि जल्द डीईआईसी सेंटर में रिक्त पद की पूर्ति की जाए। जिससे योजना के लाभ वंचित बच्चों को इसका लाभ मिल सके।

सिर्फ बधिरता का इलाज:
जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र में पदस्थ ऑडियोलॉजिस्ट के कारण जन्म से बधिर 21 बच्चें काक्लीयर इम्पालंट के माध्यम से इनकी बधिरता को समाप्त किया गया है। जिसके बाद अब ये बच्चे बोलने में भी सक्षम हो गए हैं। चूंकि जिन बच्चों में बधिरता होती है वे किसी आवाज को नहीं सुन पाने के कारण उस पर प्रतिक्रिया करने में भी असमर्थ होते हैं। यही कारण है कि उनमें बोलने की क्षमता का भी विकास नहीं हो पाता। अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिर्फ ऑडियोलॉजिस्ट के होने से महज चार वर्षों में लगभग 01 करोड़ 36 लाख 50 हजार रुपए का लाभ जिले के 21 बधित बच्चों को पहुंचाया जा चुका है। उक्त राशि में बच्चे की नि:शुल्क सर्जरी, उपचार, दवाइयां, भोजन-आवास आदि सुविधाएं शामिल हैं।
फैक्ट फाइल
पद स्वीकृत
पीडीट्रीशियन 01
मेडिकल ऑफिसर 01
डेंटल सर्जन 01
साइकोलॉजिस्ट 01
फिजियोथेरेपिस्ट 01
स्पेशल एजूकेटर 01
स्टाफ नर्स 01
लैब टेक्निशीयन 01
ऑडियोलॉस्टि 01
ऑ थेल्मिक असि. 01
डेंटल टेक्नीशियन 01
डाटा एंट्री ऑपरेटर 01
डीईआईसी मैनेजर 01
सोशाल वर्कर 01

इनका कहना है
वर्ष 2015 के बाद जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र में डेंटल सर्जन की भर्ती हो चुकी हैै, अन्य पदों के लिए प्रदेश शासन स्तर पर भर्तियां होनी है। जल्द ही केंद्र में भर्तियों की संभावना है।
अर्जुन सिंह, जिला शीघ्र हस्तक्षेप प्रबंधक, मंडला

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