script280 टीबी मरीजों को चिन्हित कर टीबी मुक्त करने की कवायद | Efforts to make TB free by identifying 280 TB patients | Patrika News
मंडला

280 टीबी मरीजों को चिन्हित कर टीबी मुक्त करने की कवायद

संभावित क्षेत्रों में करेंगे सर्वे, स्वास्थ्य टीम को सौंपी जिम्मेदारी

मंडलाJan 14, 2022 / 11:34 pm

Mangal Singh Thakur

280 टीबी मरीजों को चिन्हित कर टीबी मुक्त करने की कवायद

280 टीबी मरीजों को चिन्हित कर टीबी मुक्त करने की कवायद

280 टीबी मरीजों को चिन्हित कर टीबी मुक्त करने की कवायद
मंडला। जिले में 12 लाख 43 हजार 819 की आबादी के 10 प्रतिशत की जनसंख्या 01 लाख 24 हजार 382 लोगों का एक्टिव केस फाइडिंग सर्वे के अंतर्गत क्षय रोगियों की खोज के लिए घर-घर जाकर टीबी रोगियों की पहचान की जाएगी। इन 10 प्रतिशत लोगों में करीब 01 लाख 11 हजार 944 लोगों तक टीम को पहुंचने का लक्ष्य दिया गया है। जिसमें 5 हजार 597 लोगों के खंखार की जांच करानी है। इन साढ़े पांच हजार लोगों में से करीब 280 टीबी मरीजों को खोजने का लक्ष्य विभाग को दिया गया है। इस सर्वे अभियान के लिए संबंधित अधिकारी और कर्मचारियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण के बाद राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 16 जनवरी से शुरू होने वाले अभियान में मरीजों की खोज के साथ उनकी जियो टैगिग भी की जायेगी। जिसके लिए टीबी मरीजों की लोकेशन निक्षय पोर्टल पर अपलोड की जा सके। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मंडला जिले में वर्ष दिसंबर 2021 तक 566 टीबी मरीज ईलाजरत है। पूरे साल भर में 1532 टीबी मरीज चिन्हित हुए है। जिसमें से 519 मरीज स्वस्थ हो चुके है। इन मरीजों के लिए आरोग्य साथी ऐप भी विकसित किया गया है। जिस पर मरीजों को टीबी से जुड़ी हर जानकारी प्राप्त होगी।
जानकारी अनुसार जिले में टीबी रोगियों की पहचान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक्टिव केस फाइंडिंग सर्वे के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर संबंधित अधिकारी, कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। जिससे टीबी रोगी की पहचान कर उन्हें समुचित उपचार दिलाकर इस गंभीर बीमारी से निजात दिला सके। जिले के नौ विकासखंडों के करीब 125 ग्रामों को चिन्हित किया गया है। जिसमें इन ग्रामों के 01 लाख 24 हजार 382 लोगों के बीच पहुंचकर जांच परीक्षण और लक्षण के हिसाब से उन्हें टीबी रोग के लिए चिन्हित किया जाएगा और जिन ग्रामों में कोई भी संभावित मरीज नहीं है, ऐसे ग्रामों को टीबी मुक्त कर दिया जाएगा।
सर्वे के लिए सौंपी जिम्मेदारी :
बताया गया कि एक्टिव केस फाइडिंग सर्वे के तहत सभी टीबी यूनिटों की टीमें अपने-अपने क्षेत्र में जाकर टीबी मरीजों की पहचान करेंगी। मरीजों की पहचान कर उन्हें पूरा इलाज दिलाया जाएगा। टीबी बीमारी एक संवेदनशील है। इस बीमारी का समय पर ईलाज होने पर व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है। हर साल जिले में सैकड़ों लोग इस बीमारी से ग्रसित होते है। इसी बीमारी से निजात दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक्टिव केस फाइंडिंग सर्वे की शुरुआत 16 जनवरी से की गई है। जिला क्षय अधिकारी डॉ. जेपी चीचाम ने बताया कि सर्वे के लिए आशा कार्यकर्ता, आंगनवाडी कार्यकर्ता, एएनएम, एमपीडब्ल्यू, एमपीएस को जिम्मेदारी सौंपी गई है, वे सर्वे के दौरान अपने अपने क्षेत्र में जाकर टीबी मरीजों की पहचान करेंगे। सर्वे करने वालों का सुपरविजन संबंधित क्षेत्र के बीईई, बीपीएम, बीसीएम, एसटीएस, एसटीएलएस करेंगे।
सर्वे के लिए दिया प्रशिक्षण :
जिले में टीबी रोग की पहचान के लिए एक्टिव केस फाइडिंग सर्वे की शुरूआत की गई है। सर्वे शुरू करने से पहले जिले के नौ विकासखंडों में बीईई, बीपीएम, बीसीएम, एसटीएस, एसटीएलएस, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाडी कार्यकर्ता, एएनएम, एमपीडब्ल्यू, एमपीएस को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें विकासखंड नारायणगंज, मंडला बम्हनी, बिछिया, मोहगांव, बीजाडांडी और निवास में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। विकासखंड मवई, घुघरी और नैनपुर में प्रशिक्षण देना बाकी है। यहां भी सोमवार तक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
डोर-टू- डोर करेंगे सर्वे:
बताया गया कि जिले के नौ विकासखंडों में सर्वे के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों की एक्टिव केस फाइडिंग सर्वे की समीक्षा बैठक लेकर इन्हें रोगियों की पहचान के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण में सर्वे करने वाली आशा कार्यकर्ता, आंगनवाडी कार्यकर्ता, एएनएम, एमपीडब्ल्यू, एमपीएस को बताया जा रहा है कि डोर-टू-डोर जाकर टीबी की जानकारी कैसे देना है और संभावित मरीजों की कैसे पहचान की जाए। जिससे टीबी रोग के मरीजों को चिन्हित कर उन्हें उपचार दिलाया जा सके। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि जिन ग्रामों में दो-तीन वर्षो से टीबी के मरीज नहीं निकले है, उन ग्रामों का चयन कर वहां सर्वे किया जाए और संभावित मरीज ना मिलने पर हम उस ग्राम को टीबी मुक्त कर सके।
वर्ष एक्टिव केस स्वस्थ उपचार
2019 1775 1566
2020 1497 1156 113
2021 1532 519 566

नोट- वर्ष 2021 के आंकड़े दिसंबर 2021 तक के है। स्वस्थ और उपचार के बाद शेष मरीजों में कुछ की मृत्यु हो चुकी है, और कुछ बीच में ही उपचार छोड़ चुके है।

Home / Mandla / 280 टीबी मरीजों को चिन्हित कर टीबी मुक्त करने की कवायद

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो