scriptइकोलॉजिकल एप से शाकाहारी, मांसाहारी वन्य प्राणियों की हो रही गणना | Enumeration of vegetarian, non-vegetarian wild animals with ecological | Patrika News
मंडला

इकोलॉजिकल एप से शाकाहारी, मांसाहारी वन्य प्राणियों की हो रही गणना

जिले में बाघ गणना शुरू, 7 दिसंबर तक होगी गणना

मंडलाDec 03, 2021 / 02:12 pm

Mangal Singh Thakur

इकोलॉजिकल एप से शाकाहारी, मांसाहारी वन्य प्राणियों की हो रही गणना

इकोलॉजिकल एप से शाकाहारी, मांसाहारी वन्य प्राणियों की हो रही गणना

इकोलॉजिकल एप से शाकाहारी, मांसाहारी वन्य प्राणियों की हो रही गणना
मंडला। अखिल भारतीय बाघ गणना के तहत एक दिसंबर से जिले के दो वनमंडल पश्चिम सामान्य और पूर्व सामान्य में बाघ व अन्य वन्यप्राणियों की गणना शुरू की गई है। यह गणना 07 दिसंबर तक की जाएगी। इस गणना के लिए प्रशिक्षित वनकर्मियो को जिम्मेदारी सौंपी गई। दोनों वनमंडल के बीट गार्ड द्वारा प्रतिदिन पांच किमी के क्षेत्रफल में वन्यप्राणियों व बाघों के जंगल में मिलने वाले पगमार्क और पेड़ों पर खरोंच के निशान के आधार पर गणना शुरू किए है। दोनों वनमंडल के करीब 237 बीट में गणना चल रही है।
जानकारी अनुसार वनकर्मियों की टीमों को अलग-अलग बीटों में बाघ समेत अन्य वन्यप्राणियों की गणना के लिए तैनात किया गया है। यहां वनकर्मी द्वारा पेड़ों पर मिलने वाले खरोंज के निशान, मल-मूत्र के अंश, जमीन पर गिरे बाल, पगमार्क के जरिए मांसाहारी और शाकाहारी वन्यजीवों के अप्रत्यक्ष साक्ष्य एकत्रित कर रहे है। जिससे वन्यजीवों के नजर आने पर उसे प्रत्यक्ष गणना में शामिल किया जा सके। बताया गया कि इस बार बाघ गणना का डाटा कलेक्शन डिजिटल किया जा रहा है। इसके लिए विशेष तरह के इकोलॉजिकल एप की मदद ली जा रही है। इस एप में ही बाघों से जुड़ी सारी जानकारी दर्ज की जा रही है।

बताया गया कि वन्यप्राणियों की गणना पूर्व सामान्य और पश्चिम सामान्य में की जा रही है। इन दो दिन में गणना के दौरान तेंंदुए, बाघ के पगमार्क मिले है। वहीं कुछ रेंज में अन्य वन्यप्राणियों के निशान मिले है। बता दे कि पश्चिम सामान्य वन मंडल की 8 रेंज के 139 बीट और पूर्व सामान्य की 6 रेंज के 98 बीट मं वनकर्मियों द्वारा गणना के दौरान मिलने वाली जानकारी विभाग के एप्लीकेशन में दर्ज कर रही है।
पांच किमी ट्रांजिट लाईन पर चल रहे बीट गार्ड :
बता दे कि दोनों वनमंडल के प्रत्येक बीट में तैनात वनकर्मियों द्वारा रोजाना पांच किमी क्षेत्र में वन्यप्राणियों की पहचान के लिए भ्रमण कर रहे है। इस दौरान बाघ के अलावा अन्य वन्यप्राणियों की जानकारी भी एकत्र की जा रही है। इस बार एम स्ट्राइप एप्लीकेशन के माध्यम से गणना की जानकारी प्रपत्र में भरी जा रही है। जिसमें तीन दिन शाकाहारी और तीन दिन मांसाहारी वन्यप्राणियों की गणना की जाएगी। बीट गार्डो को प्रति दिन 5 किमी ट्रांजिट लाइन पर चलना है। जहां वन्यप्राणियों की उपस्थति रहती है। उसी चिन्हित स्थान में ही पहुंचकर वन्यप्राणियों की जानकारी ली जा रही है।
25 दिन के लिए लगाए कैमरे :
एसडीओ जीके चतुर्वेदी ने बताया कि वनमंडल में रेंज में बाघों की गणना बीट गार्ड द्वारा पांच किमी ट्रांजिट लाईन पर चलकर की जा रही है। वहीं जिस क्षेत्र में बाघ की उपस्थित अधिक रहती है, वहां कैमरे लगाकर बाघ की उपस्थिति देखी जाती है। जिसके लिए पश्चिम सामान्य वनमंडल क्षेत्र के बम्हनी रेंज में बाघ की गणना के लिए कैमरा लगाया गया है। यहां 25 दिन तक कैमरे के माध्यम से बाघ की उपस्थिति की जानकारी ली जाएगी। इन दो दिनों मेंं इस कैमरे में बाघ कैप्चर हुआ है।
इनका कहना
जिले के दो वनमंडल में बाघों की गणना की जा रही है। पश्चिम वनमंडल के 8 रेंज में 139 बीट में वनकर्मियों द्वारा गणना की जा रही है, इनकी मॉनीटरिंग के लिए डिप्टी रेंजर, रेंजर ऑफीसर को नियुक्त किया गया है। गणना के दो दिन में बम्हनी रेंज में तेंदुए के पगमार्ग मिले है।
जीके चतुर्वेदी, एसडीओ, पश्चिम सामान्य वनमंडल
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो